यूपी में जाली नोट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश, 100 करोड़ के जाली नोट छापने की तैयारी में था सरगना

जाली नोट बनाने वाले गिरोह के सरगना तजेंद्र को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। वह फिरोजाबाद में रहकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपना नेटवर्क खड़ा करना चाहता था। 100 करोड़ के जाली नोट छापने के लिए मेरठ, मुरादाबाद, गाजियाबाद, नोएडा समेत कई जिलों में अपने गुर्गे लगा चुका था। जिस तरह शिकोहाबाद में एक छोटे से मकान में जाली नोट छापने का कारखाना संचालित किया था। उसी तरह उसने पश्चिमी यूपी के कई जिलों में योजना तैयार की थी। उससे पहले पुलिस ने उसे फिरोजाबाद से दबोच लिया।

जाली नोट बनाने वाला तजेंद्र इंटर फेल है। उसने जाली नोटों के अवैध कारोबार के लिए जिन लोगों को अपने साथ जोड़ा था, वे भी हाईस्कूल और इंटर फेल हैं। इससे पहले उसने 2017 में दक्षिण थाना क्षेत्र को अपना ठिकाना बनाया था। जाली नोट छापने के मामले में उसे दक्षिण पुलिस ने जेल भी भेजा था। बड़ी धारा न लगने के कारण जल्द ही उसे जमानत मिल गई। लॉकडाउन में जेल से रिहा होकर उसने शिकोहाबाद के आवास विकास कॉलोनी में किराए पर मकान लिया।

एसएसपी अजय कुमार पांडेय के अनुसार तजेंद्र अपने साथ साथियों को जरूर रखता था, लेकिन नोट छापने की बात किसी से शेयर नहीं करता था। उसके साथ जो लोग काम करते थे। उनको कटिंग करने के साथ ही अन्य कार्य सौंपता था। इसके एवज में उनको पैसा देता था। तजेंद्र द्वारा छापे गए जाली नोटों को 40 प्रतिशत कमीशन पर उसके गुर्गे बाजार में चलाने का काम करते हैं। जिनके नाम और पते जांच के दौरान शिकोहाबाद पुलिस के हाथ लगे हैं। पुलिस उन लोगों की तलाश में जुट गई है।

नकली करेंसी का मामला खुलने के बाद आगरा से एटीएस की टीम शिकोहाबाद पहुंची। टीम ने थाना शिकोहाबाद पुलिस से संपर्क कर कई बिंदुओं पर अपनी जांच को आगे बढ़ाया। सूत्रों के अनुसार टीम ने उस स्थान का भी निरीक्षण किया। जहां तजेंद्र द्वारा जाली नोट छापे जाते थे। जेल में बंद तजेंद्र से पूछताछ करने के उसे रिमांड पर लिया जा सकता है। उधर, तजेंद्र व उसके साथियों की गिरफ्तारी के बाद बरामद की गई 1.92 लाख रुपये की जाली करेंसी की जांच नासिक की लैब में की जाएगी। करेंसी को शुक्रवार देर रात जांच के लिए नासिक की लैब को भेजा गया।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जाली करेंसी छापने वाले तजेंद्र के संपर्क में कई ऐसे चेहरे थे, जो शिकोहाबाद थाना क्षेत्र में काफी चर्चित हैं। लेकिन यह लोग सीधे तजेंद्र के संपर्क में आकर अपने गुर्गों के माध्यम से इस काले कारोबार जुड़े थे। जिसके चलते तजेंद्र बखूबी इस कारोबार को पिछले एक माह से अंजाम दे रहा था। सीओ शिकोहाबाद बल्देव सिंह ने कहा कि उन लोगों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। जिससे तजेंद्र के पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सके।

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