यूपी में कांग्रेस को लगा करारा झटका अजय कुमार लल्लू की जमानत टली कोर्ट ने दी अगली तारीख

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की जमानत याचिका पर अब 16 जून को सुनवाई होगी. कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 16 जून तय की है. जस्टिस एआर मसूदी की बेंच ने राज्य सरकार से केस डायरी पेश करने को कहा है. इससे पहले अजय कुमार लल्लू की जमानत याचिका लखनऊ में एमपी-एमएलए कोर्ट ने खारिज कर दी थी.

अजय लल्लू की गिरफ्तारी बस विवाद मामले में 19 मई को हुई थी. उन्हें आगरा पुलिस ने यूपी-राजस्थान बॉर्डर पर धरना प्रदर्शन करने के मामले में गिरफ्तार किया था. उन्हें लखनऊ पुलिस ने आगरा जाकर गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उन्हें कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था.

योगी सरकार ने कांग्रेस द्वारा 1000 बसों की भेजी गई सूची में फर्ज़ीवाड़े का आरोप लगाया था. इस मामले में अजय लल्लू और प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह के खिलाफ लखनऊ के हज़रतगंज थाने में केस भी दर्ज है.

भारतीय जनता पार्टी ने दावा किया था कि मजदूरों के लिए भेजी जाने वाली बसों की लिस्ट में ऑटो, एंबुलेंस, बाइक के नंबर मिले थे, जिनमें से कुछ बसों के नंबर की पुष्टि ही नहीं हो पाई थी.

प्रियंका गांधी ने अपनी चिट्ठी में अजय कुमार लल्लू को न्याय मिलने की गुहार लगाई है. उन्होंने इस संबंध में एक चिट्ठी भी लिखी है. उन्होंने लिखा, ‘अजय लल्लू उस भारत के सच्चे नागरिक हैं जिसके लिए महात्मा गांधी ने लड़ाई लड़ी थी. वे इंसाफ के हकदार हैं. उनके साथ न्याय होना चाहिए.’

उन्होंने लिखा, ‘सेवा और सहयोग की नीयत से यूपी कांग्रेस ने अपने घरों को पैदल लौट रहे हजारों प्रवासियों की मदद करने के लिए अपनी तरफ से 1000 बसें चलाने का प्रस्ताव यूपी सरकार को दिया.

सहयोग और सेवा की भावना से प्रेरित हमारे इस प्रस्ताव से न जाने क्यों उप्र सरकार पहले दिन से ही असहज हो गई. पहले 17 मई को तो उन्होंने हमारे प्रस्ताव को नकार दिया और यूपी की सीमा से 500 बसों को वापस भेज दिया.

18 मई को फिर उन्होंने हमारा प्रस्ताव स्वीकारते हुए बसों के दस्तावेज मांगे. उन्होंने वाहनों की लिस्ट के साथ चालकों-परिचालकों के नाम, बसों की फिटनेस व प्रदूषण प्रमाणपत्र के साथ हमें सिर्फ 10 घंटे का समय देकर सारी बसों को लखनऊ लाने को कहा.’

प्रियंका गांधी ने लिखा है कि यह फैसला बिलकुल बेतुका था क्योंकि मामला तो दिल्ली-यूपी बॉर्डर से प्रवासियों को ले जाने का था. खाली बसों को लखनऊ ले जाना हमें समय और संसाधनों की बर्बादी लगी.

इस पर यूपी सरकार ने तर्क दिया कि 2 घंटे में अपनी बसों को नोयडा और गाजियाबाद की सीमा पर खड़ा करें. इसी बीच सरकार ने भयंकर दुष्प्रचार शुरू करके हम पर फर्जी लिस्ट देने का आरोप लगा दिया.

उन्होंने इस तथ्य को नकार दिया कि हमारी 900 बसें आगरा के ऊंचा नगला बॉर्डर और 200 बसें नोयडा के महामाया पुल पर 19 मई की दोपहर से खड़ी थीं.

19 मई की रात अजय लल्लू गिरफ्तार कर लिए गए. एक हजार से अधिक बसें चलने की अनुमति का इंतजार करती खड़ी रहीं. दो दिनों बाद 1000 बसें खाली वापस लौट गईं.

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com