लखनऊ: शिक्षक भर्ती के बाद अब एंबुलेंस कर्मचारी की नौकरी की मांग को लेकर लखनऊ में प्रदर्शन कर रहे हैं. इंकलाब जिंदाबाद, भारत माता की जय और जय श्री राम की नारेबाजी करते हुए लोग नौकरी मांग रहे हैं. देश में कोरोना की तीसरी लहर, वायरस के नए वैरिएंट Omicron के रूप में दस्तक दे चुकी है. कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे एंबुलेंस कर्मचारियों का प्रदर्शन करना राज्य के लिए ठीक नहीं है.
बता दें कि, ये लोग यूपी 108 और 102 एंबुलेंस के कर्मचारी हैं, GVK EMRI कंपनी में इन एंबुलेंस कर्मचारियों की भर्ती हुई थी. ये कंपनी यूपी सरकार को एंबुलेंस के लिए ड्राइवर मुहैया कराती है. कोरोना काल में इन ड्राइवर्स ने 108, 102 एंबुलेंस में काम किया. मगर जैसे ही मामले कम हुए, तो GVK EMRI कंपनी ने 9000 एंबुलेंस कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया. इसके बाद से अब तक ये लोग बेरोजगार हैं. समय-समय पर ये अपने आवाज़ उठाते रहते हैं, किन्तु अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई.
एंबुलेंस कर्मचारियों का कहना है कि GVK EMRI कंपनी ने बगैर किसी नोटिस के 9000 लोगों को एक झटके में नौकरी से निकाल दिया. आरोप ये भी है कि यह कंपनी एंबुलेंस कर्मचारियों को प्रताड़ित भी करती है, जब लोग आवाज बुलंद करते हैं, तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाता है. एंबुलेंस संघ के प्रवक्ता ने कहा कि गत वर्ष सितंबर में इन्होंने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की थी, जिसके बाद 9000 लोगों को एक साथ नौकरी से निकाल दिया गया. इससे आहत होकर 4 कर्मचारियों ने ख़ुदकुशी कर ली थी.