लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक और पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव का जन्मदिन भी ‘यादव परिवार’ को एक नहीं कर पाया. इससे पहले ऐसा माना जा रहा था कि मुलायम के जन्मदिन पर चाचा शिवपाल यादव और भतीजे अखिलेश यादव के बीच की सियासी गुत्थियां सुलझ जाएंगी. लेकिन शिवपाल यादव ने सपा से गठबंधन को लेकर ऐसी शर्त और सीटों की मांग रख दी है, जिसे अखिलेश यादव के लिए मंजूर करना आसान नहीं है. ऐसे में सपा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के बीच गठबंधन या विलय की सारी उम्मीदें और गुंजाइश खत्म होती नज़र आ रही हैं?

बता दें कि अखिलेश यादव पूरी जान लगाकर सत्ता में वापसी की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में बीते कुछ दिनों से अखिलेश के सुरों में चाचा शिवपाल के प्रति नरमी देखी गई थी. उन्होंने कई दफा सार्वजनिक मंच से कहा भी था कि चाचा का पूरा सम्मान होगा, सियासी जंग में चाचा हमारे साथ होंगे. यही नहीं अखिलेश, शिवपाल के करीबी और मजबूत नेताओं को भी एडजस्ट करने की बातें कह रहे थे. वहीं, शिवपाल यादव भी सपा के साथ गठबंधन से आगे बढ़कर विलय तक की बात कह दी थी. शिवपाल ने मुलायम के जन्मदिन पर सैफई के दंगल कार्यक्रम में अखिलेश के साथ गठबंधन की शर्त में पहली दफा सीटों को लेकर सार्वजनिक रूप से पहली बार 100 सीटों की मांग की है.
शिवपाल यादव ने कहा कि गठबंधन पर उनकी अखिलेश यादव के साथ चर्चा हुई है और हमने अपनी पार्टी नहीं, बल्कि दूसरी पार्टियों की ओर से भी 100 सीटें मांगी थीं. इसमें दूसरे दलों और पुराने समाजवादी जमीनी नेताओं को टिकट दिया जाना था, मगर अखिलेश यादव की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया. वहीं, बताया जा रहा है कि अखिलेश शिवपाल को केवल 10-12 सीटें देने के लिए ही राजी हैं, जबकि मांग 100 सीटों की है.
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