लोकल सर्कल नाम की एक एजेंसी ने यूपी के मतदाताओं के बीच एक सर्वे किया, जिसमें आम जनता से जुड़े मुद्दों पर उनकी राय पूछी गई इसके अलावा आने वाली सरकार से जनता की उम्मीदों पर भी सवाल पूछे गए.
करीब 5 हजार लोगों के बीच किए गए इस सर्वे में कई चौंकाने वाले नतीजे सामने आए. लोगों से पहला सवाल पूछा गया कि यूपी की वर्तमान सरकार के कार्यकाल में स्वास्थ्य सेवाओं के हालात कैसे हैं?
इसके जवाब में 70 फीसदी लोगों ने स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बहुत बुरा बताया जबकि 19 फीसदी लोगों का मानना है कि अस्पताल तो हैं, लेकिन सुविधाएं नहीं हैं. 9 फीसदी लोग ऐसे हैं जो मानते हैं कि अस्पताल कम हैं, लेकिन सुविधाएं ठीक हैं जबकि अच्छे अस्पताल और अच्छी सुविधाओं का दावा केवल दो फीसदी लोगों ने ही किया.
लोगों से जब पूछा गया कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार के लिए आने वाली सरकार से उनकी क्या उम्मीदें हैं? इसके जवाब में 55 फीसदी लोगों ने कहा कि सरकारी अस्पताल में अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं दी जाएं तो हालात बेहतर होंगे जबकि 36 फीसद लोगों का कहना है कि प्राइवेट अस्पताल में इलाज सस्ता किया जाए. वहीं 7 फीसद लोगों ने सरकारी अस्पतालों की तादाद बढ़ाने की बात भी कही जबकि 2 फीसद लोगों ने पूरे राज्य में प्राइवेट अस्पताल खोलने की बात कही
लोकल सर्कल के सर्वे के नतीजों में यूपी की कानून और सुरक्षा व्यवस्था पर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. सर्वे के दौरान लोगों से पूछा गया कि राज्य की वर्तमान कानून और सुरक्षा व्यवस्था कैसी है और आप खुद को कितना सुरक्षित महसूस करते हैं?
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इसके जवाब में 45 फीसद लोगों ने कहा कि वो पूरी तरह असुक्षित महसूस करते हैं जबकि 37 फीसद लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता में रहते हैं. वहीं 15 फीसद लोगों का मानना है कि सुरक्षा की चिंता रहती है, लेकिन पुलिस के सहयोग से वो कम हो जाती है जबकि केवल 3 फीसद लोग ही खुद को पूरी तरह सुरक्षित महसूस करते हैं जो कि अखिलेश सरकार के लिए चिंता की बात हो सकती है.
सर्वे में लोगों से ये भी पूछा गया कि कानून और सुरक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए आने वाली सरकार से उनकी क्या उम्मीदें हैं. इसके जवाब में 48 फीसद लोगों ने कहा कि पुलिस और जनता के बीच तालमेल बढ़ना चाहिए जबकि 34 फीसद लोगों ने पुलिसवालों के काम करने के तरीकों पर विचार करने की बात कही. वहीं 16 फीसद लोगों का मानना है कि पुलिसवालों को और ज्यादा प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए जबकि 2 फीसद लोग मानते हैं कि पुलिसवालों की तादाद बढ़ाने से सुरक्षा व्यवस्था में सुधार हो सकता है.
लोकल सर्कल के सर्वे में लोगों से ये सवाल भी पूछा गया कि यूपी सरकार के किस विभाग में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है. इसके जवाब में 37 फीसद लोगों ने प्रोपर्टी रजिस्ट्रेशन यानी जमीनों की खरीद-फरोख्त और उनके रजिस्ट्रेशन में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार की बात कही जबकी 37 फीसद लोगों का कहना है कि पुलिस महकमा सबसे ज्यादा भ्रष्ट है वहीं 16 फीसद लोग मानते हैं कि नगर निगम में भ्रष्टाचार बहुत गहराई तक मौजूद है जबकि 10 फीसद लोगों ने सबसे भ्रष्ट विभाग का तमगा राज्य कर विभाग यानि स्टेट टेक्सेशन डिपार्टमेंट को दिया.
भ्रष्टाचार कम करने के लिए आने वाली सरकार से लोगों की क्या उम्मीदें हैं? इस सवाल के जवाब में 39 फीसद लोगों ने ऑनलाइन और कैशलैस भुगतान को बढावा देने की बात कही जबकि 28 फीसद लोग मानते हैं कि जनता के प्रति सरकार की जवाबदेही तय होने से भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी.
वहीं 26 फीसद लोग ऐसे भी हैं जिनका कहना है कि भ्रष्टाचार विरोधी संस्थाओं जैसे लोकायुक्त को और मजबूत किया जाना चाहिए जबकि 7 फीसद लोगों का मानना है कि सभी सरकारी दफ्तरों में सीसीटीवी कैमरे लगाने से भ्रष्टाचार में कमी आ सकती है.
लोकल सर्कल के सर्वे में जब ये पूछा गया कि पिछले पांच साल के दौरान यूपी में बिजली पानी और सड़क के हालात कैसे रहे? तो 40 फीसद लोगों ने कहा कि इन सेवाओं में बहुत कम सुधार हुआ जबकि 22 फीसद लोग ने किसी भी तरह के सुधार की बात से इनकार कर दिया. चौंकाने वाली बात ये है कि 20 फीसद लोगों ने बीजली पानी और सड़क के हालात पहले से भी बदतर होने की बात कही जबकि इन सेवाओं में सुधार की बात महज 18 फीसद लोगों ने कही.
इसके बाद सर्वे में अगला सवाल पूछा गया कि आने वाली सरकार को किस क्षेत्र में सबसे ज्यादा सुधार करना चाहिए? इसके जवाब में 43 फीसद लोग मानते हैं कि सड़कों की हालत दुरुस्त की जानी चाहिए जबकि 34 फीसद का कहना है कि पहले बिजली की कमी को दूर कर घर-घर तक बिजली पहुंचाने का काम करना चाहिए. वहीं 20 फीसद लोगों ने पानी की समस्या को सुधारने की बात कही जबकि 3 फीसद लोग ऐसे भी थे, जिन्होंने हवाई अड्डे और उड़ानों में सुधार की बात कही.
लोकल सर्कल के सर्वे में यूपी के एक अहम सवाल ये भी पूछा गया कि राज्य में पढ़े लिखे लोगों के लिए रोजगार के कितने अवसर मौजूद हैं. इसके जवाब में 58 फीसद लोगों ने कहा कि पढ़े लिखे लोगों के लिए रोजगार के कोई भी अवसर मौजूद नहीं हैं जबकि 33 फीसद लोग मानते हैं कि राज्य में रोजगार के बहुत कम अवसर मौजूद हैं. वहीं 9 फीसद लोग ऐसे भी हैं जो मानते हैं कि यूपी में रोजगार के अवसर तो हैं, लेकिन लोगों में उस हिसाब से योग्यता की कमी है.
रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए आने वाली सरकार को क्या कदम उठाने चाहिए? जब ये सवाल पूछा गया तो इसके जवाब में 73 फीसद लोग ने भ्रष्टाचार खत्म कर व्यापार यानी बिजनेस को बढ़ावा देने की बात कही जबकि 15 फीसद लोगों का मानना है कि मैनुफैक्चरिंग यानि उत्पाद बनाने वाली कंपनियों को बढ़ावा देने से रोजगार के अवसर पैदा होंगे. 8 फीसद लोगों का कहना है कि आईटी कंपनियों और बीपीओ को बढ़ावा देना चाहिए जबकि 4 फीसद लोगों ने नए स्टार्टअप के मौका देने की बात कही.