यूपीसीएल के डिवीजनों में एक के बाद एक वित्तीय गड़बड़ियां

यूपीसीएल (UPCL) के डिवीजनों में एक के बाद एक वित्तीय गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। ऊधमसिंहनगर के गदरपुर सब डिवीजन में गबन की जांच अभी पूरी भी नहीं हुई कि अब रुड़की के रामनगर डिवीजन में 27 लाख रुपये की गड़बड़ी सामने आई है। ऊर्जा निगम में मामले के पकड़ में आने की भनक लगते ही आरोपियों ने तत्काल पैसा जमा भी करा दिया।

हालांकि विभाग की ओर से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। पूरे मामले में कई अधिकारी संदेह के दायरे में हैं।रुड़की के रामनगर डिवीजन में कुछ कर्मचारियों ने बिजली के बिल के एवज में मिली रकम को सरकारी खाते में जमा कराने की बजाय, उसे निजी इस्तेमाल में ले लिया।

इस संबंध में अधिशासी अभियंता सिराज उस्मान ने बताया कि वे दो सप्ताह के अवकाश पर थे। छुट्टी से लौटने के बाद उन्होंने राजस्व का मिलान किया, तो 27 लाख रुपये का हेरफेर नजर आया। उन्होंने सख्ती से पूछताछ की तो कर्मचारियों ने गड़बड़ी कुबूल कर ली। इसके बाद कुछ दिन में 27 लाख रुपये यूपीसीएल के खाते में जमा भी करा दिए गए।

सिराज उस्मान ने बताया कि पूरा पैसा निगम के खाते में जमा हो गया है। उधर, अधीक्षण अभियंता मुनीष चंद्रा ने बताया कि मामले में आरोपियों को चिह्नित किया जा रहा है। आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट तैयार करके सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मैदानी डिवीजनों के खंगाले जाएंगे अकाउंट
यूपीसीएल मुख्यालय से राज्य के मैदानी जिलों-देहरादून, हरिद्वार, यूएसनगर और नैनीताल के डिवीजनों के खातों की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। डिवीजन, सर्किल स्तर पर तो खातों की पड़ताल होगी ही, साथ ही स्पेशल चार्टर्ड अकाउंटेंटों की एक टीम भी रिकॉर्ड खंगालेगी। बीते कुछ समय में यूपीसीएल के दून, रुड़की,जसपुर, काशीपुर, गदरपुर समेत कई सब डिवीजनों में करोड़ों के गबन के मामले सामने आ चुके हैं।

आमजन से बिजली के बिलों के एवज में मिलने वाला पैसा,सरकारी खाते में जमा कराने की बजाय विभाग के कर्मचारियों की जेब में जा रहा है। इन गड़बड़ियों ने यूपीसीएल की साख पर बट्टा लगाने का काम किया है। इसे देखते हुए संवेदनशील डिवीजनों की गहन जांच के आदेश दिए गए हैं।

निगम में गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। गदरपुर मामले में कड़ी कार्रवाई के बाद गहन जांच कराई जा रही है। ऐसे मामले पकड़ने और राजस्व रिकॉर्ड को व्यवस्थित करने को संवेदनशील डिवीजनों की पड़ताल कराई जा रही है। 

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