उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीएमआरसी) ने मेट्रो स्टेशनों पर तैनात स्टेशन कंट्रोलरों को ट्रेन आपरेटर की ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी है। अब स्टेशन कंट्रोलर भी मेट्रो चलाते हुए नजर आएंगे। एक माह का प्रशिक्षण ट्रांसपोर्ट नगर स्थित मेट्रो डिपो में दिया जाएगा। वर्तमान में मेट्रो चला रहे ट्रेन आपरेटर को स्टेशन कंट्रोलर का प्रशिक्षण दिया जाएगा। ट्रेन आपरेटर अब स्टेशन कंट्रोलर की जिम्मेदारी संभालने की तैयारी में हैं और चौधरी चरण सिंह से मुंशी पुलिया के बीच तैनात स्टेशन कंट्रोलर ट्रेन आपरेटर की जिम्मेदारी संभालेंगे।
यूपीएमआरसी के इस प्रयास से दोनों विधा के कर्मचारी दोनों कामों के जानकार हो जाएंगे। ट्रांसपोर्ट नगर स्थित मेट्रो डिपो में ट्रेन आपरेटर को पहले मेट्रो के बारे में पढ़ाया जाएगा। फिर प्रैक्टिकल के लिए सिम्यूलेटर पर ले जाकर प्रशिक्षण दिया जाएगा। सिम्यूलेटर के जरिए मेट्रो के सभी फंक्शन की जानकारी देने के साथ ही मेट्रो ट्रैक पर मेट्रो चलाते हुए किन-किन सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए, उसकी बारीकियां बताई जाएंगी।
यहां प्रशिक्षण पूरा होने के बाद नए मेट्रो आपरेटर को यार्ड में बने 635 मीटर लंबे मेट्रो ट्रैक पर मेट्रो चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद चौधरी चरण सिंह से मुंशी पुलिया के बीच मेट्रो चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस दौरान मेट्रो चलाते वक्त क्या क्या सावधानियां बरती जानी चाहिए, उसके बारे वरिष्ठों द्वारा बताया जाएगा। यह प्रशिक्षण मेट्रो द्वारा चरणबद्ध तरीके से सुबह छह बजे से रात दस बजे तक दिया जाएगा।
सीबीटीसी के बारे में दी जाएगी जानकारीः कम्यूनिकेशन बेस्ड कंट्रोल सिस्टम साफ्टवेयर (सीबीटीसी) के बारे में मेट्रो ट्रेन आपरेटर को बताया जाएगा। सीबीटीसी ऐसी तकनीक है कि मेट्रो को बिना मेट्रो ट्रेन आपरेटर के चलाया जा सकता है। इस साफ्टवेयर के जरिए मेट्रो को वर्तमान में चलाया जा रहा है। किस स्टेशन पर कितनी देर रुकना है, मेट्रो के गेट कितनी देर के लिए खुलेंगे और कितनी देर बाद बंद होंगे। यह सब साफ्टवेयर में फीड हैं। मेट्रो के 95 फीसद फंक्शन सीबीटीसी से लैस है, अफसरों का दावा है कि मेट्रो को बिना मेट्रो ट्रेन आपरेटर के भी चलाया जा सकता है।