नई दिल्ली. संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा ऐतिहासिक और यादगार होने वाला है. क्योंकि पीएम मोदी अबू धाबी में उस हिन्दू मंदिर की आधारशिला रखेंगे, जिसके लिए यूएई सरकार ने 2015 में ही जमीन देने का वादा किया था. यह मध्यपूर्व का पहला ऐसा मंदिर होगा जिसमें भारतीय पत्थरों का इस्तेमाल किया जाएगा.
इस मंदिर को दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर की तर्ज पर बनाने की तैयारी की जा रही है. दुबई में पहले से एक मंदिर है, लेकिन अबू धाबी में मंदिर नहीं है. इसलिए पीएम मोदी के 2015 में हुए दौरे के समय यहां रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों ने उनसे मंदिर के लिए जमीन दिलवाने की मांग की थी. पीएम के कहने पर वहां की सरकार ने भारतीय समुदाय के पूजा स्थल के लिए जमीन उपलब्ध कराने का फैसला लिया है.
इस बारे में विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव मृदुल कुमार ने कहा, ‘मंदिर के लिए अबु धाबी और दुबई के बीच एक बड़ी जगह दी गई है. यह एक भव्य और बहुत बड़ा मंदिर होगा.’ भारत और यूएई की सहनशीलता और संस्कृति की साझेदारी वाली सोच के तहत वर्ष 2020 तक ये मंदिर बनाने का लक्ष्य रखा गया है.
मंदिर में एक साथ विराजेंगे भगवान कृष्ण, शिव और अयप्पा
अबू धाबी में बनने वाला मंदिर न सिर्फ अपनी वास्तुकला में अद्भुत होगा, बल्कि इसमें आराधना के लिए आने वालों के लिए भी यह अनोखा होगा. एक रिपोर्ट के मुताबिक मंदिर में भगवान कृष्ण, भगवान शंकर, भगवान अयप्पा सहित कई देवी-देवताओं की मूर्तियों की स्थापना की जाएंगी. मंदिर निर्माण और प्रबंधन से जुड़े स्वामीनारायण संस्था के प्रवक्ता ने कहा कि अबुधाबी में पहला मंदिर अबु मुरेखा में बनेगा जो दुबई-अबुधाबी हाईवे के रास्ते में है. उन्होंने कहा, ‘मंदिर में इस्तेमाल होने वाले पत्थरों पर नक्काशी का काम भारत में शिल्पकार के जरिए किया जाएगा और फिर बाद में उसे यूएई में लाकर मंदिर को तैयार किया जाएगा.’
और क्या होगा खास
– मंदिर परिसर में खूबसूसरत बगीचा और वॉटर फ्रंट होगा
– पर्यटक केंद्र, प्रार्थना सभा के लिए स्थान, प्रदर्शनी स्थल
– बच्चों के खेलने की जगह, फूड कोर्ट, गिफ्ट शॉप भी होंगे
– संबंधित विषयों से जुड़े बगीचे भी मंदिर परिसर में बनाए जाएंगे