दुनिया में एक ऐसा इंसान भी है, जो कि नींद में तस्वीरें बनाता है. इसका नाम है ली हैडविन. यह शख्स ब्रिटेन के वेल्श सूबे के कार्डिफ़ शहर में रहता हैं. ली हैडविन जब केवल चार बरस के थे, तो उन्होंने दीवार पर चित्र बनाने शुरू किए दिए थे और अब आप कहेंगे कि भला कौन सा बच्चा इस उम्र मे दीवारें नहीं रंगता है. बाक़ी बच्चों और ली में फ़र्क़ यह था कि वो सोते वक़्त ड्रॉइंग बनाते थे. जैसे-जैसे वे बड़े होते गए, सोते हुए चित्र बनाने का उनका हुनर और भी सुधरता चला गया.
जानकारी की माने तो 15 साल की उम्र में हैडविन ने हॉलीवुड अभिनेत्री मर्लिन मुनरो के तीन पोर्ट्रेट बनाए थे. हालांकि आज उन्हें इस बारे में कुछ भी याद नहीं है. साथ ही मज़े की बात ये है कि सोते वक़्त बारीक चित्र बनाने वाले ली हैडविन जागते हुए कोई चित्रकारी नहीं कर पाते हैं. ली की इस हैरान कर देने वाली कला के बारे में कार्डिफ़ यूनिवर्सिटी की पेनी लुइस द्वारा रिसर्च की गई है और इस पर उनका कहना है कि सोते वक़्त चित्र बनाना, उनके आधे सोए और आधे जागे मस्तिष्क की वजह से होता है. पेनी लुइस की माने तो लोग नींद में करवट बदलते हैं. बड़बड़ाते हैं या फिर चलने लगते हैं. ये सब हमारे दिमाग़ में मची उथल-पुथल का नतीजा होता है. ये बहुत सामान्य सी घटना है. हालांकि, ली हैडविन का मामला इससे भी आगे चला गया है. वो पेंसिल, ब्रश और यहां तक कि हड्डियों से भी चित्र गढ़ने लगते हैं. ये सामान्य बात होती, अगर वो जागते हुए ऐसा करते तो.
पेनी बताती है कि ली के दिमाग़ की बनावट और काम करने का तरीक़ा, दोनों ही बेहद पेचीदा हैं और वो इस मसले को समझने की कोशिश में हैं. वे कहती हैं कि जब हम सो रहे होते हैं, तो ये मान कर चलते हैं कि हमारा ज़हन भी सो रहा है. हालांकि, हमारे दिमाग़ का एक हिस्सा उस वक़्त भी बेहद सक्रिय रहता है.