‘दानी’ कबीला पापुआ गिनी के तहत आता है और यहां करीब ढाई लाख आदिवासी रहते हैं। इस परंपरा के पीछे का तर्क है कि औरत के द्वारा उंगली का दान देने पर मरने वाला शख्स भूत बनकर परिवार को नहीं सताएगा।
इस कष्टकारी प्रक्रिया के तहत औरत की उंगली को कुछ घंटो के लिए कसकर बांध दिया जाता है ताकि वहां खून का प्रवाह रुक जाए। इसके बाद तेज धारदार हथियार से उस उंगली को नाखून तक काट दिया जाता है। इस कबीले में ऐसी कई औरतें हैं जिनकी एक दो नहीं बल्कि कई उंगलियां काट दी गई हैं। कई बुजुर्ग औरतें तो अपने हाथों की सारी उंगलियां गंवा चुकी हैं।
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