आप सभी ने अब तक कई मंदिरों के दर्शन किये होंगे, जहाँ की अलग अलग मान्यताएं होती हैं। जी हाँ, दुनियाभर में कई मंदिर हैं जो अपनी अपनी मान्यताएं और रीति-रिवाज़ के चक्कर में मशहूर हैं। अब आज हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में जानने के बाद आपके होश उड़ जाएंगे। जी दरअसल हम बात कर रहे हैं कर्नाटक के कुछ मंदिर के बारे में जहाँ ‘मरिजुआना’ को पवित्र मानते हैं। जी हाँ, सुनकर आपको झटका लगा होगा लेकिन यह सच है। जी दरअसल यहाँ के कुछ मंदिरों में भक्तों को प्रसाद के रूप में ‘मरिजुआना’ दिया जाता है।

जी दरअसल साबरमती नदी के तट पर स्थित दधीचि ऋषि आश्रम में श्रद्धालु सिगरेट और गुलाब चढ़ाते हैं? मिली जानकारी के मुताबिक हर गुरुवार को यहाँ सैकड़ों भक्त अपनी मनोकामनाएं पूरी होने की उम्मीद लेकर आते हैं। उसके बाद वह अघोरी दादा की समाधि पर ‘मरिजुआना’ चढ़ाते हैं। इन सभी के बीच जो सबसे ख़ास बात है वह यह है कि यहाँ लोग अघोरी दादा को महंगी सिगरेट या फूल नहीं चढ़ा सकते। जी दरअसल श्रद्धालु को कहा गया है कि वह केवल और केवल सस्ती सिगरेट और फूल चढ़ा सकते हैं, जो उन्हें ट्रस्ट द्वारा मुफ़्त में दिया जाता है।
यह एक नियम है जो आलिशान कार में आए व्यक्ति से लेकर पैदल आने वाले व्यक्ति तक को मानना होता है। जी दरअसल इसे लेकर यह कहा जाता है कि लोगों ने गुजरात के कई बड़े मंदिरों का दौरा करने के बाद अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए अघोरी दादा को सिगरेट चढ़ाना शुरू किया। यहाँ भक्त सिगरेट को चढ़ाने से पहले तीर्थस्ठल पर एक रैक में जलती लौ से उसे जलाते हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से उनकी मनचाही इच्छा पूरी होती है।
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