घर हमेशा वास्तु के हिसाब से बनवाना चाहिए। जी हाँ क्योंकि आपके घर और उसके वास्तु का प्रभाव आपके जीवन पर पड़ता है। कहा जाता है घर का सही जगह और वास्तु अनुसार बना होना बहुत जरूरी है वरना वह संकटों वाला घर ही सिद्ध होता है। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ सामान्य-सी बातें कि कैसे घर में गृह स्वामी का नाश हो जाता है या उसकी आकस्मिक मृत्यु हो जाती है।

* कहा जाता है एक दीवार से मिले हुए दो मकान यमराज के समान होते हैं और यह गृहस्वामी का नाश कर देते हैं। इसी के साथ लाल किताब में भी इस तरह के मकान को बुरा माना गया है। इस वजह से भवन के चारों ओर एवं मुख्य द्वार के सामने तथा पीछे कुछ भूमि आंगन के लिए छोड़ देना चाहिए।
* कहा जाता है भवन यदि भूखंड के उत्तर या पूर्व में है तो अनिष्टकारी होता है। ऐसे में गृहस्वामी की संपत्ति का नाश होता है। वहीं अगर भवन भूखंड के मध्य हो तो शुभ होता है।
* कहा जाता है अगर भवन के मध्य में भोजन कक्ष है, तो गृहस्वामी को कई तरह की समस्याओं को झेलना होता है। जी हाँ, उसका जीवन संघर्षमय हो जाता है। वहीं मध्य में लिफ्ट या शौचालय हो तो भी घर का नाश हो जाता है।
* कहते हैं पूर्व दिशा निर्माण के कारण यदि पश्चिम से भारी हो जाए तो वाहन दुर्घटनाओं का भय रहता है। वहीं दक्षिण में जलाशय होने वाले भवनों में स्त्रियों पर अत्याचार होते देखे जा सकते हैं। जी हाँ, यहां जलाशय से गृह स्वामिनी गंभीर बीमारी से भी पीड़ित हो सकती है।
* कहा जाता है घर की आग्नेय दिशा में वट, पीपल, सेमल, पाकर तथा गूलर का वृक्ष होने से पीड़ा और मृत्यु होती है।
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