‘लोग मुझे आतंकवादी कह सकते हैं। अगर अल्लाह के राह पर चलना आतंकवाद है तो हां मैं आतंकवादी हूं।’ ये बातें केरल के एक युवा ने अपने परिवार को मैसेज में लिख कर भेजा है। मोहम्मद मारवान उन 15 युवकों में से एक है जिनके गायब और कथित तौर पर इस्लामिक स्टेट में शामिल होने का शक है। यह मैसेज टेलीग्राम ऐप से जून के आखिरी सप्ताह में भेजा गया है।
युवक का दावा है कि उसने यह मैसेज पश्चिमी एशिया के उस इलाके से भेजा है जहां आतंकियों का कब्जा है। वहीं इंटेलीजेंस एजेंसियां अभी इस बात का पता नहीं लगा सकी हैं कि युवक वास्तव में कहा हैं?
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबित मारवान ने अपने द्वारा भेजे गए संदेस में वादा किया है कि ‘वो कश्मीर, गुजरात,और मुजफ्फनगर में सताए गए मुस्लिमों की मदद कर, अपना काम ख्रत्म करने के बाद वापस आ जाएगा।’
मोहम्मद मारवान उन युवाओं में से है जिनके IS में शामिल होने का शक है
युवक ने लिखा है कि ‘इन मुस्लिमों में वो बच्चे भी शामिल हैं जो अमेरिका और रूस की फौजों द्वारा किए गए हमले में मारे गए हैं।’ मारवान ने आगे लिखा है कि ‘ मैं कैसे आराम से घर बैठ सकता हूं जबकि मुस्लिम समुदाय पर हमला हो रहा है।’
कुरान को उद्धृत करते हुए मारवान ने लिखा है कि ‘अल्लाह हमसे पूछेगा कि मैं क्या कर रहा था जब कौम को सताया जा रहा था? क्या हमें मोहम्मद ने नहीं बताया कि पूरी कौम एक शरीर के समान है? यह मेरा धार्मिक कर्तव्य कि मैं अपनी कौम की रक्षा करूं।’
वहां के हालात बताते हुए मारवान ने लिखा है कि ‘ आईएस द्वारा कब्जा किए गए इलाके खराब हालात में हैं। आप लोगों के पास आलीशान मकान हैं, फ्रिज,कार सब कुछ है लेकिन यहां के मुस्लिमों के हालात देखिए। यहां उनके पास बिजली नहीं है। इस्लाम के दुश्मनों ने यहां सब कुछ रोक रखा है। फिर भी लोग संघर्ष कर रहे हैं और खुश हैं क्य़ोंकि उन्हें इस बात का यकीन है कि अल्लाह उनके साथ है।’