असम के पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्हें हिंदू जिन्ना करार दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री पर पाकिस्तान के संस्थापक जिन्ना की तरह दो राष्ट्र के सिद्धांत का अनुसरण करने का आरोप लगाया है। वह देश को धर्म के आधार पर बांट रहे हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने रविवार रात को जेएनयू के छात्रों पर हुए हमले की निंदा की। उन्होंने कहा कि यह भाजपा की ‘दमन की नीति जो देश के लिए और अधिक दुर्भाग्य लाएगी’ को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ भारतीयों के विरोध से यह स्पष्ट है कि भारतीयों को वैसा हिंदुत्व नहीं चाहिए जैसा कि भाजपा और आरएसएस वाले लाना चाहते हैं।
मोदी पर हमला करते हुए गोगोई ने कहा, ‘प्रधानमंत्री यह आरोप लगाते हैं कि हम (कांग्रेस) पाकिस्तान की भाषा बोलते हैं लेकिन उन्होंने खुद का स्तर पड़ोसी देश के बराबर कर लिया है। वह धर्म के आधार पर देश के विभाजन के लिए (मुहम्मद अली) जिन्ना के दो-राष्ट्र सिद्धांत का अनुसरण कर रहे हैं और वह भारत के हिंदू जिन्ना की तरह उभरे हैं।’
मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘हम हिंदू हैं लेकिन हम अपने देश को हिंदू राष्ट्र नहीं बनाना चाहते। विरोध करने वाले बहुसंख्यक लोग और यहां तक कि जो लोग मारे गए हैं, वे हिंदू हैं। वे उस तरह का हिंदुत्व नहीं चाहते जिसका प्रचार भाजपा और आरएसएस कर रहे हैं।’
कांग्रेस नेता ने कहा कि जेएनयू में रविवार रात को जिस तरह की हिंसा हुई उसने देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा पैदा कर दिया है। असम के तीन बार के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में एंटी-सीएए विरोध शुरू हुआ लेकिन भाजपा की ‘दमन की नीति’ के कारण यह देश भर में फैल गया। मोदी सरकार को घंमडी बताते हुए गोगोई ने दावा किया कि नए नागरिकता कानून को लागू करने के लिए सरकार किसी भी हद तक जा सकती है।
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