नई दिल्लीः प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है, जिसे अब 22 महीने भी पूरे हो गए हैं। इस स्कीम के तहत हर किसान को तीन किस्तों में 6 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। अब 6000 रुपये की नगद सहायता देने के लिए शुरू की गई इस स्कीम में कई बड़े बदलाव किए गए हैं। किसानों को छह हजार रुपये की सहायता से कहीं ज्यादा का फायदा होने वाला है। अब इसके जरिए आप पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा आसानी से किसान क्रेडिट कार्ड ले सकते हैं।
इसी के जरिए आत्मनिर्भर भारत के तहत 1.5 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं। इनके खर्च की सीमा 1.35 लाख करोड़ रुपये है। कृषि मंत्रालय के मुताबिक कुल 2 लाख करोड़ रुपये तक की खर्च सीमा के 2.5 करोड़ केसीसी जारी किए जाएंगे, ताकि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के सभी लाभार्थियों को केसीसी का लाभ मिलने लगे। इसके तहत 3 लाख रुपये तक का कर्ज लिया जा सकता है। ये कर्ज 4 प्रतिशत की दर से मिलता है।
जानिए बदलाव के बारें में-
जानिए स्टेट्स-
यदि आपने भी इस स्कीम का लाभ लेने के लिए आवेदन दिया है और अब तक बैंक अकाउंट में पैसा नहीं आया है तो उसका स्टेटस जानना बहुत आसान हो गया है। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि पीएम किसान पोर्टल पर जाकर कोई भी किसान भाई अपना आधार, मोबाइल और बैंक खाता नंबर दर्ज करके इसके स्टेटस की जानकारी ले सकता है।
केसीसी लेना हुआ आसान-
पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम का लाभ पाने वाले सभी किसानों को मोदी सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड भी मुहैया करवाने का फैसला किया है। पीएम-किसान योजना को केसीसी से लिंक कर दिया गया है। इससे 3 लाख रुपये तक का लोन सिर्फ 4 फीसदी की दर पर मिल जाएगा। इस समय देश में करीब 8 करोड़ एक्टिव किसान क्रेडिट कार्ड हैं. पीएम-किसान सम्मान निधि के लगभग 2 करोड़ से अधिक लाभार्थी हैं जिनके पास केसीसी नहीं है. चूंकि बैंकों के पास पहले से ही PM-KISAN लाभार्थियों की अधिकांश जानकारी मौजूद है इसलिए बैंकों को किसानों के लिए केसीसी जारी करने में दिक्कत नहीं आएगी।
खुद करें रजिसस्ट्रेशन, मिलेगा फायदा-
अब किसी किसान को इस योजना में रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए अधिकारियों के पास नहीं जाना पड़ेगा. कोई भी ‘किसान पोर्टल’ पर जाकर खुद ही अपना रजिस्ट्रेशन कर सकता है। इसका मकसद सभी किसानों को स्कीम से जोड़ना और रजिस्टर्ड लोगों को समय पर लाभ पहुंचाना है। कृषि मंत्रालय की इस सुविधा के शुरू होने के बाद राज्य सरकारों को किसानों के ब्योरे में आई गलतियों को ठीक करने और वेरीफिकेशन में अब पहले से काफी कम समय लगेगा।