अर्थशास्त्र के क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार अमेरिका के प्रोफेसर रिचर्ड थेलर को मिला. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब देश में नोटबंदी का ऐलान किया था, तब उन्होंने नोटबंदी का खुले तौर पर समर्थन किया था. थेलर ने इसे करप्शन के खिलाफ लड़ाई का एक पहला कदम बताया था.
यह वाक्या इसलिए भी दिलचस्प हो जाता है क्योंकि इस बार नोबेल पुरस्कार की रेस में पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन भी थे. जब नोटबंदी का ऐलान हुआ था, उस दौरान वह RBI गवर्नर थे. राजन ने नोटबंदी के फैसले का विरोध किया था. राजन का नाम नोबेल पुरस्कार पाने वालों को संभावितों में शामिल था.
2000 के नोट की आलोचना
रिचर्ड थेलर ने नोटबंदी के ऐलान के बाद ट्वीट कर फैसले की तारीफ की थी. हालांकि, जब उन्हें पता चला कि सरकार 2000 का नोट भी ला रही है. तो उन्होंने इस फैसले की आलोचना भी की थी. थेलर ने ट्वीट किया था कि यह वह नीति है जिसका मैंने लंबे समय से समर्थन किया है. कैशलेस की ओर ये पहला कदम है.
राजन ने नहीं किया था नोटबंदी का समर्थन
नोटबंदी के बारे में भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का कहना था कि उन्होंने कभी बहुचर्चित नोटबंदी का समर्थन नहीं किया बल्कि उन्होंने तो इसके संभावित नुकसानों के प्रति सरकार को आगाह किया था. राजन ने अपनी पुस्तक आय डू वाट आय डू: ऑन रिफार्म्स रिटोरिक एंड रिजॉल्व में यह खुलासा किया है.
गौरतलब है कि नोटबंदी और जीएसटी को लेकर ही इन दिनों मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर है. विपक्ष का आरोप है कि नोटबंदी के कारण ही जीडीपी में गिरावट आई है. विपक्ष के अलावा बीजेपी के दिग्गज नेता यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी ने भी सरकार को इस मुद्दे पर घेरा है.
लेकिन सरकार की ओर से वित्तमंत्री अरुण जेटली और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी और जीएसटी का खुले तौर पर समर्थन किया है. हाल ही में पीएम ने एक कार्यक्रम में कहा था कि एक-दो क्वार्टर में आंकड़े कम आने से अर्थव्यवस्था पर कोई असर नहीं हुआ है. देश की अर्थव्यवस्था मजबूत है.
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