सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को क्लीन चिट देते हुए कहा कि राफेल डील में सुरक्षा और सौदे के नियम-कायदे दोनों को ध्यान में रखा गया हैं। इसलिए इसमें कोई संदेह नहीं है कि विमान हमारी ज़रूरत हैं और उनकी गुणवत्ता पर भी सवाल नहीं है। राफेल डील को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। सीजेआई ने सुनवाई में राफेल सौदे को सही ठहराया और कोई संदेह न होने की बात कही। साथ ही, राफेल डील से जुड़ी सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया।

CJI रंजन गोगोई ने कहा कि हम सरकार को 126 विमान खरीदने पर विवश नहीं कर सकते और यह सही नहीं होगा कि कोर्ट केस के हर पहलू की जांच करे। कीमत की तुलना करना कोर्ट का काम नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राफेल सौदे का मामला अनुच्छेद 132 और 32 से जुड़ा है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट विमान के मूल्य और सौदे की प्रकिया से जुड़ी संवेदनशील रक्षा अनुबंध पर फैसला नहीं दे सकता। इस मामले की सिर्फ जेपीसी से जांच कराई जा सकती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगर पाक-साफ हैं, तो वह JPC से क्यों डरते हैं… चौकीदार ही चोर है।
वहीं देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह का बयान सामने आया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि राफेल का सच देश के सामने आ गया हैं। हम पहले से ही कहते आ रहे हैं कि कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोप निराधार थे और राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए कांग्रेस लगातार मामले की उछाल रही थी। वही अनिल अबांनी ने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। इस डील को लेकर निराधार और झूठे आरोप लगाए गए।
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गौरतलब हैं कि राफेल डील में कथित अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए सबसे पहले एडवोकेट मनोहर लाल शर्मा ने जनहित याचिका दायर की थी। इसके बाद, एक दूसरे एडवोकेट विनीत ढांडा ने याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इस डील की जांच कराने का अनुरोध किया था। इस डील को लेकर ‘आप’ के सांसद संजय सिंह, दो पूर्व मंत्रियों, बीजेपी नेताओं- यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी के साथ एडवोकेट प्रशांत भूषण ने एक अलग याचिका दायर की थी। इन सब याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया हैं।
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