भारत- अमेरिकी के बीच बढ़ते तनाव के बीच एस जयशंकर इन दिनों रूस की राजधानी मॉस्को में है। यहां उन्होंने आईआरआईजीसी वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लिया।
इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत और रूस के बीच वस्तुओं का द्विपक्षीय व्यापार 2021 में 13 अरब अमेरिकी डॉलर से पांच गुना से भी अधिक बढ़कर 2024-25 में 68 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया है, और व्यापार असंतुलन को तत्काल दूर किया जाना चाहिए।
भारत-रूस अंतर-सरकारी व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग आयोग (आईआरआईजीसी-टीईसी) के 26वें सत्र में बोलते हुए, एस जयशंकर ने कहा कि आईआरआईजीसी वार्षिक शिखर सम्मेलन की तैयारी के लिए एक महत्वपूर्ण तंत्र है, जिसके इस वर्ष के अंत तक आयोजित होने की उम्मीद है।
हमारा द्विपक्षीय व्यापार पांच गुना से भी ज्यादा बढ़ा है- जयशंकर
जयशंकर ने कहा कि नवंबर 2024 में नई दिल्ली में हुए पिछले सत्र के लगभग 10 महीने बाद हम यहां मिल रहे हैं, और मुझे लगता है कि दोनों सत्रों के बीच यह शायद अब तक का सबसे छोटा अंतराल है। पिछले चार वर्षों में, जैसा कि आपने देखा होगा, वस्तुओं के क्षेत्र में हमारा द्विपक्षीय व्यापार पांच गुना से भी ज्यादा बढ़ा है। यह 2021 में 13 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2024-25 में 68 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया है और यह लगातार बढ़ रहा है।
एक बड़ा व्यापार असंतुलन भी आया है- जयशंकर
उन्होंने आगे कहा कि हालांकि, इस वृद्धि के साथ एक बड़ा व्यापार असंतुलन भी आया है, यह 6.6 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 58.9 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया है, जो लगभग नौ गुना है। इसलिए हमें इस पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह बैठक एक जटिल भू-राजनीतिक स्थिति की पृष्ठभूमि में हो रही है और दोनों देशों के नेता आपस में लगातार और घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं।
जयशंकर ने रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री से मुलाकात की
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि भारत और रूस को जटिल भू-राजनीतिक चुनौतियों का सामना करने के लिए रचनात्मक और अभिनव दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। यह बात रूसी कच्चे तेल की खरीद को लेकर वाशिंगटन के साथ भारत के संबंधों में बढ़ते तनाव के बीच कही। जयशंकर ने यह टिप्पणी मॉस्को में रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव के साथ एक बैठक में की।
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