मैदानी इलाकों में बारिश और पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी का सिलसिला जारी: मौसम विभाग

उत्तराखंड में लगातार दूसरे दिन आज यानी शनिवार को भी मैदानी इलाकों में बारिश और पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी का सिलसिला जारी है। इससे मार्च में जनवरी जैसी ठंड पड़ रही है। राज्य के अधिकतर मैदानी इलाकों में शुक्रवार से ही मौसम खराब है। शनिवार सुबह भी इन इलाकों में रुक-रुक कर बारिश जारी रही। देहरादून में भी रुक-रुक कर बारिश जारी है।

पहाड़ी इलाकों की बात करें तो यहां भी मौसम ख़राब है। तापमान में कमी आने की वजह से कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। शनिवार सुबह नैनीताल जिले के मुक्तेश्वर और उत्तरकाशी जिले के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग राड़ी टॉप, गंगोत्री, यमुनोत्री, हर्षिल, थराली, चौरंगीखाल और ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी हुई।
यमुनोत्रीधाम सहित यमुना घाटी में रातभर बारिश हुई जो सुबह से थमी हुई है। गंगोत्री राष्ट्रीय मार्ग बर्फबारी के कारण अवरुद्ध हो गया है। बड़कोट- फूलचट्टी से ऊपर जानकीचट्टी तक बर्फबारी से मार्ग अवरुद्ध है। लंबगांव मोटर मार्ग धनपुर के बीच मलबा आने से बंद हो गया है। टिहरी जिले में घनसाली टैक्सी पार्किंग के पास सुबह पहाड़ी से पेड़ गिरने से वाहन क्षतिग्रस्त हो गया। कोई जन हानि नहीं हुई है।

श्रीनगर, चमोली, टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी में रात भर हुई बारिश आज सुबह थमी। हालांकि यहां अभी बादल छाए हैं। फिर बारिश होने की संभावना बनी हुई है। रुद्रपुर, चंपावत, रामनगर,  भीमताल, काशीपुर, नैनीताल, पहाड़पानी, पंतनगर, रानीखेत, डीडीहाट, जसपुर, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा में सुबह से रुक-रुक कर बारिश जारी है। बागेश्वर में बादल छाए हुए हैं।

वहीं उत्तराखंड में शुक्रवार को भी मौसम का मिजाज बिगड़ा रहा। चारों धामों समेत औली, हेमकुंड साहिब व ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ। ग्रीष्मकालीन राजधानी  भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में बजट सत्र के चौथे दिन जमकर बर्फबारी हुई।

करीब चार घंटे तक चली बर्फबारी से भराड़ीसैंण सहित आसपास की पहाड़ियां बर्फ से ढक गई। विधानसभा की कार्रवाई देखने आए लोग बारिश और बर्फबारी होने से फंस गए। पहाड़ों की रानी मसूरी में बारिश और पर्यटन नगरी धनोल्टी और चकराता में भी हिमपात हुआ।

बदरीनाथ, हेमकुंड और औली सहित ऊंचाई वाले स्थानों पर जमकर बर्फबारी हुई। औली में पर्यटकों ने बर्फबारी का लुत्फ उठाया। केदारनाथ, मद्महेश्वर, तुंगनाथ समेत अन्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी खूब बर्फबारी हुई। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम सहित मुखबा, हर्षिल, सुक्की, जानकीचट्टी, खरसाली, सांकरी आदि क्षेत्रों में जमकर बर्फबारी हुई।

शुक्रवार को दोपहर बाद पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश के कारण ठंड बढ़ गई है। गौचर, कर्णप्रयाग, नौटी, नंदासैंण, आदिबदरी, नारायणबगड़, देवाल सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लोग ठंड से बेहाल हैं। देवाल के हिमालयी क्षेत्र के गांव शीतलहर की चपेट में हैं। साथ ही रूपकुंड, वेदनी, आली, ब्रह्मताल आदि बुग्याल बर्फ से ढक गए हैं।

वांण, घेस, वांक, हिमनी, बलांण, पिनाऊं, सौरीगाड़, तोरती, रामपुर, कुलिंग, लोहाजंग आदि गांवों में ठंडी हवाएं चल रही हैं। लोहाजंग के इंद्र सिंह राणा ने बताया कि लोहाजंग में कई पर्यटक रुके हैं। ब्रह्मताल जाने वाले पर्यटक बारिश-बर्फबारी के कारण लोहाजंग से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। थराली और नारायणबगड़ के गांवों में भी बारिश हुई।

शुक्रवार को तेज बारिश के चलते गनौली से लक्सर आ रही 33 केवी की लाइन पर पेड़ गिरने के चलते विद्युत आपूर्ति ठप हो गई। इसके चलते लक्सर क्षेत्र के ग्रामीणों को छह घंटे से अधिक बिजली कटौती का सामना करना पड़ा। उसके बाद विद्युत आपूर्ति सुचारु हो सकी।

शुक्रवार की सुबह तेज आंधी के साथ ही मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। तेज हवा और बारिश के चलते एक बड़ा पेड़ गनौली बिजलीघर से लक्सर बिजली घर आ रही 33 केवी की बिजली की लाइन पर गिर गया। इसके चलते लाइन में फाल्ट होने के बाद लक्सर बिजलीघर की आपूर्ति ठप हो गई। इसके बाद लक्सर और देहात क्षेत्र की आपूर्ति प्रभावित हुई। ऊर्जा निगम के एसडीओ अमीचंद ने बताया कि लाइन पर पेड़ गिरने की वजह से विद्युत आपूर्ति प्रभावित हुई, लेकिन पेड़ हटाकर विद्युत आपूर्ति सुचारु कर दी गई।

विकासनगर में नगर पालिका प्रशासन की हीलाहवाली का खामियाजा क्षेत्र के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। सड़कों पर पानी की निकासी व्यवस्था नहीं होने के कारण बेमौसम बरसात में भी सड़कें तालाब में तब्दील हो रही हैं, जिसके चलते क्षेत्रीय लोगों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

शुक्रवार को क्षेत्र में हुई झमाझम बारिश के बीच दिनकर विहार, पंजाबी कॉलोनी, सिनेमा गली, एक्सचेंज रोड आदि सड़कों पर भारी मात्रा में पानी जमा हो गया। इससे लोगों को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। दिनकर विहार इलाके में कई घंटे बाद पानी उतर सका।

स्थानीय निवासी गगन सेठी, सुरेश, राम नरेश, राजीव, दिनेश, सेवाराम, देवानंद, किशोरी बिजल्वाण, केएनल नौटियाल, बलवीर सिंह, केदार सिंह, भजन सिंह आदि का कहना है कि क्षेत्र में कई गली और मोहल्ले ऐसे हैं जहां पर पानी निकासी के लिए नालियों की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में हल्की सी बारिश में भी ये सड़कें तालाब बन जाती हैं। शिकायत के बाद भी पालिका प्रशासन इनकी सुध नहीं ले रहा है।

ईई बीएल आर्य ने बताया कि हाल ही में पालिका क्षेत्र के लिए करोड़ों रुपये की योजना स्वीकृत हुई है। इससे शहर में सीवरेज सिस्टम के साथ ही नए सिरे से ड्रेनेज सिस्टम का निर्माण किया जाना है। जल्द ही उक्त योजना पर काम शुरू कर पानी निकासी की व्यवस्था की जाएगी।

बृहस्पतिवार देर रात हुई बारिश के कारण देहात के कई क्षेत्रों में गेहूं, सरसों और अन्य दलहनी फसलें बेकार हो गई। आंधी और बारिश से फसल गिरने से किसानों के चेहरे मुरझा गए हैं। किसानों ने फसलों की क्षति का आकलन कर मुआवजे की मांग की है। बारिश के कारण कई क्षेत्रों में गन्ने की कटाई और छिलाई का काम बंद हो गया है तो कई इलाकों में गन्ने की बुुआई प्रभावित हुई है।

बारिश के कारण लक्सर के डुंगरपुर, अकोढा खुर्द, दरगाहपुर, करणपुर, दाबकी, हस्तमौली, न्यायमतपुर आदि गांवों में गेहूं, सरसों और अन्य तिलहनी फसलों को नुकसान पहुंचाया है। किसान महिपाल चौधरी, शेखर चौधरी, नकली राम सैनी, शिवकुमार गर्ग, चांद किरण सैनी आदि का कहना है कि लगातार हो रही बारिश से गेहूं की फसल जमीन में गिर गई है। फसल में पानी भरा हुआ है, ऐसे गेहूं की पैदावार प्रभावित हो रही है। सुल्तानपुर के किसान रजत शर्मा करणपुर के किसान सुशील चौधरी आदि का कहना है कि अगर इसी प्रकार बारिश होती रही तो गेहूं की फसल पूरी तरह बर्बाद हो जाएगी।

बारिश के कारण क्षेत्र में गन्ना कटाई और बुआई का काम भी प्रभावित हो गया है। किसानों ने क्षति का आकलन कर मुआवजे की मांग की है। वहीं खानपुर में भी  बारिश ओर तेज हवाओं ने किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। क्षेत्र के किसान सुखबीर शर्मा, मदन सिंह, नफे सिंह, कर्म सिंह, सुशील चौधरी आदि का कहना है कि बारिश के कारण गेहूं और तिलहनी फसलों पर पानी भर गया है। अब गेहूं की फसल में दाना बनने की प्रक्रिया चल रही है। वहीं नारसन क्षेत्र में हुई बारिश और तेज हवाओं के कारण गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ है।

झबरेड़ा में भी बारिश के बाद तेज हवा चलने से गेहूं की फसल जमीन पर गिर गई है। इकबालपुर, झबरेड़ा क्षेत्र में बेमौसम बारिश के चलते गेहूं की फसल को भारी क्षति पहुंची है। उधर, भगवानपुर में भी बारिश और हवा से खेतों में खड़ी गेहूं, सरसों और तोड़िया की फसल बर्बाद हो गई। ज्यादा नुकसान सिसौना, सिंकदरपुर, खुब्बनपुर, चौली, मानक मजरा, रुहालकी दयालपुर, पुुहाना, नन्हेड़ा, जहाजगढ़, अकबरपुर कॉलसो, सिकरोढ़ा और डाडा जलालपुर में हुआ है। किसान रामपाल, सतीश कुमार, गुल बहार, राजेश, प्रीतम आदि प्रशासन से नुकसान का आकलन कर मुआवजा देने की मांग की है।

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