भारी बारिश और भूस्खलन ने जिले के बसुकेदार उप तहसील और जखोली ब्लॉक में भारी तबाही मचाई है। पूर्वी बांगर के मुख्य पड़ाव छेनागाड़ में भूस्खलन के कारण 15 से ज्यादा दुकानें और मकान जमीदोंज हो गए। यहां आठ लोग चंदन नदी में बह गए।
इसके अलावा अतिवृष्टि के कारण कई सड़कें और पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं जिससे बचाव और राहत कार्य में भारी मुश्किलें आ रही हैं। वहीं जखोली ब्लॉक के ग्राम पंचायत ललूड़ी के टेंडवाल गांव में एक मकान ढहने से मलबे में दबकर एक महिला की मौत हुई है। बसुकेदार से लगे अन्य कई गांवों में अतिवृष्टि से व्यापक नुकसान हुआ है।
जानकारी के मुताबिक पूर्वी बांगर के मुख्य पड़ाव छेनागाड़ में बृहस्पतिवार रात करीब आठ बजे से बारिश हो रही थी। देर रात यहां मूसलाधार बारिश होने लगी। रात करीब 3 से 3:45 बजे के बीच अतिवृष्टि के कारण यहां भूस्खलन हो गया। मलबे के सैलाब में यहां बने मकान और दुकान जमीदोंज हो गए और इसका मलबा व यहां मौजूद लोग नीचे चंदन नदी में बह गए। इनमें चार नेपाली मजदूर, दो दुकानदार सते सिंह नेगी और नीरज और वन विभाग के दो कर्मचारी कुलदीप सिंह नेगी और राज बुगाना शामिल हैं।
हादसे में सड़क किनारे खड़ी एक बस और एक अन्य वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गया। विश्वनाथ बस सेवा के चालक विजय सिंह और परिचालक दिनेश सिंह ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। उन्हें चोटें आई हैं और उन्हें सीएचसी अगस्त्यमुनि में भर्ती कराया गया है।
इधर जखोली ब्लॉक के ग्राम पंचायत ललूड़ी के टेंडवाल गांव में भी एक आवासीय मकान ढहने से सरिता देवी नाम की एक महिला की मलबे में दबकर मौत हो गई। स्थानीय लोगों और रेस्क्यू दल की मदद से उनका शव बाहर निकाला गया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। इसके अलावा बसुकेदार के आसपास के कई गांवों में भी बारिश से काफी नुकसान हुआ है।
रास्ते क्षतिग्रस्त होने से राहत टीमों को पहुंचने में समय लगा
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि मयाली-गुप्तकाशी मोटर मार्ग के जगह-जगह क्षतिग्रस्त होने के कारण प्रभावित क्षेत्र तक पहुंचने में समय लगा। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू दल मौके पर पहुंच गया है और लापता लोगों की तलाश जारी है। ग्राम पंचायत बक्सीर के पूर्व ग्राम प्रधान उमेद सिंह नेगी ने बताया कि बृहस्पतिवार रात्रि से बारिश शुरू हो गई थी जिस कारण गांवों में अधिकांश लोग रतजगा रहे थे।
उन्होंने बताया कि छेनागाड़ पूर्वी बांगर के ग्राम पंचायत उच्छोला का निचला हिस्सा है। यहां पर 15 से अधिक दुकानें थीं, जिसमें मेडिकल स्टोर, राशन, सब्जी, मांस और छोटे-छोटे ढाबे थे। आपदा के सैलाब में सबकुछ पूरी तरह तबाह हो गया है।
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