बिहार विधानसभा में उस समय जबरदस्त हंगामा होने लगा जब नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर व्यक्तिगत टिप्पणी कर दी। भारी शोर-शराबे के बीच उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने तेजस्वी के बयान को शर्मनाक करार दिया। उन्होंने कहा कि सदन के अंदर इस तरह के बयान शर्मनाक हैं, उन्हें मर्यादा का पालन करना चाहिए। मुख्यमंत्री पर इस तरह की टिप्पणी नहीं होनी चाहिए। ये गलत तरह की परंपरा की शुरुआत है।
चुनाव प्रचार के दौरान दिखाई दी तल्खी को तेजस्वी ने सदन के अंदर भी जारी रखा। उन्होंने सदन में मुख्यमंत्री नीतीश पर व्यक्तिगत टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ‘नीतीश जी अपनी चुनावी सभाओं में लालू के नौ बच्चों की बात करते थे। कहते थे बेटी पर भरोसा नहीं था। बेटे के लिए नौ बच्चे पैदा किए। क्या नीतीश कुमार को लड़की पैदा होने का डर था, इसलिए उन्होंने दूसरा बच्चा पैदा नहीं किया? मुझे उम्मीद है कि मुख्यमंत्री इस बात से अवगत हैं कि मेरे माता-पिता की सबसे छोटी संतान एक लड़की है, जो दो बेटों के बाद पैदा हुई थी।’
सत्ताधारी गठबंधन के विरोध के बावजूद तेजस्वी के सदन में दिए बयान का राजद ने बचाव किया है। राजद नेता सुबोध राय ने कहा कि व्यक्तिगत हमले नहीं होने चाहिए लेकिन यदि दूसरा व्यक्तिगत हमला करेगा तो हम भी चुप नहीं रहेंगे। तेजस्वी ने आरोप लगाते हुए कहा कि मैं नौकरियों के बारे में बोल रहा था। मैं बिहार के लोगों के सामने झुकता हूं जिन्होंने हमें वोट दिया और हमें सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने में मदद की। लेकिन अधिकारियों के जोड़-तोड़ की वजह से हमें उन वादों को पूरा करने का मौका नहीं मिला।
दूसरी ओर तेजस्वी के बयानों पर कड़ा विरोध जताते हुए जदयू नेता गुलाम रसूल बलियावी ने कहा है कि सदन के अंदर तेजस्वी ने जो बयान दिया वह बेहद शर्मनाक है। भाजपा नेता संजय सरावगी ने इसे तेजस्वी यादव की हताशा करार दिया है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी नतीजे से पहले ही मुख्यमंत्री बनकर घूम रहे थे। अब करारी हार का सामना करने के बाद फ्रस्टेशन में हैं इसलिए अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं।