लॉकडाउन में शहरों में फंसे प्रवासी मजदूरों की मदद कर रहे सोनू सूद की हर तरफ तारीफ हो रही है. उनकी नेक पहल को सेलेब्स, राजनेता और जनता का समर्थन मिला है.
लेकिन शिवसेना के मुखपत्र सामना में संजय राउत ने जिस तरह सोनू सूद की आलोचना की, उसपर काफी बवाल हुआ. संजय राउत ने सोनू सूद के प्रवासियों की मदद करने को राजनीति से प्रेरित बताया था.
अब संजय राउत के इस बयान पर सोनू सूद का रिएक्शन सामने आया है. सोनू सूद ने खास बातचीत में कहा- मैं किसी की खातिर कुछ भी नहीं कर रहा हूं.
मैं बस प्रवासियों के लिए कुछ करना चाहता था. संजय राउत अच्छे इंसान हैं और मैं उनकी काफी इज्जत करता हूं. उद्धव और आदित्य ठाकरे के साथ मीटिंग अच्छी रही थी. मेरा राजनीति में आने का कोई इरादा नहीं है. मैं बतौर एक्टर अपने काम को एंजॉय कर रहा हूं. अभी मेरे पास करने के लिए बहुत कुछ है.
मालूम हो संजय राउत ने सोनू सूद पर निशाना साधते हुए कहा था कि वो बीजेपी के कहने पर मजदूरों को घर भेजने में जुटे हैं. ये उनका पॉलिटिकल मूव है, वे बीजेपी के इशारे पर ये सब कर रहे हैं.
संजय राउत ने अचानक से सोनू के महात्मा बनने पर भी सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि कुछ ही दिनों में सोनू सूद पीएम से मिलेंगे और बीजेपी के लिए यूपी-बिहार में प्रचार करेंगे. सामना में सोनू सूद को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की कठपुतली बताया गया.
संजय राउत के इस बयान की काफी आलोचना हुई थी. संजय राउत के विवाद ने काफी तूल पकड़ा था. बाद में सोनू सूद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मिलने उनके आवास मातोश्री गए थे. उद्धव और आदित्य ठाकरे संग सोनू सूद की तस्वीर भी सामने आई थी.
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