नई दिल्लीः पाकिस्तान में कृष्णा कुमारी कोल्ही पहली महिला हिन्दू सिनेटर होगीं. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने बुधवार को यह जानकारी दी. पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने 39 वर्षीय कोल्ही का नामांकन पत्र स्वीकार कर लिया है. पीपीपी ने उन्हें सिंन्ध प्रांत से अपना उम्मीदवार बनाया है. चुनाव 3 मार्च को होगा. पीपीपी के प्रवक्ता ने बताया कि कृष्ण कुमारी पाकिस्तान के इतिहास में सिनेटर बनने वाली पहली दलित महिला होंगी. कोल्ही की जाति पाकिस्तान सिड्यूल कास्ट ऑर्डिनेंस-1957 में 23वें स्थान पर दर्ज है. इस मौके पर कृष्णा कुमारी कोल्ही ने खुशी जताते हुए कहा कि उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि उन्हें पाकिस्तानी संसद के ऊपरी सदन में सिनेटर बनने का मौका मिलेगा.
सिंध प्रांत में थार की रहने वाली हिन्दू महिला कृष्णा कुमारी का जन्म 1979 में सिंध के नगरपारकर जिले के एक दूरदराज गांव में हुआ था. उनके परिवार के सदस्यों ने एक जमींदार की एक निजी जेल में करीब तीन साल गुजारे. कुमारी ने 16 वर्ष की उम्र में लालचंद से विवाह किया था और उस समय वह नौंवी ग्रेड की पढ़ाई कर रही थीं. हालांकि उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और वर्ष 2013 में उन्होंने सिंध विश्वविद्यालय से समाज शास्त्र में मास्टर्स की डिग्री हासिल की.
पीपीपी के प्रवक्ता ने कहा कि पहली गैर मुस्लिम सीनेटर को नामित करने का श्रेय भी पीपीपी के पास है जिसने 2009 में एक दलित डॉ. खाटूमल जीवन को सामान्य सीट से सीनेटर चुना था. इसी तरह 2015 में सीनेटर चुने जाने वाले इंजीनियर ज्ञानीचंद दूसरे दलित थे. उन्हें भी पीपीपी ने सामान्य सीट से उतारा था. बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व वाली पीपीपी ने 2012 में सिंध से गैर मुस्लिमों के लिए आरक्षित सीट पर सीनेटर के लिए हरीराम किशोरीलाल को नामित किया था और वह निर्वाचित हुए थे.
कृष्णा कुमारी सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में काम करती रही हैं. वह अपने भाई के साथ पीपीपी में शामिल हुई थीं. बाद में उन्हें बेरेनो से यूनियन काउंसिल का अध्यक्ष बनाया गया. गौरतलब है कि पहले गैर मुस्लिम सिनेटर को राज्यसभा में भेजने का श्रेय भी पीपीपी को जाता है. 2009 में डॉक्टर खातुमल जीवन को सामान्य सीट से चुना गया था.