पाकिस्तान सरकार ने आज आंतरिक मंत्रालय को पूर्व तानाशाह जनरल (सेवानिवृत्त) परवेज मुशर्रफ के राष्ट्रीय पहचान पत्र (एनआईसी) और पासपोर्ट को रोकने के निर्देश दिए हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से ये खबर सामने आई है। एक विशेष अदालत के आदेश का पालन करते हुए, सरकार ने ये कदम उठाने का फैसला किया है। दरअसल मुशर्रफ अपने खिलाफ चल रहे उच्च राजद्रोह मामले में अदालत में पेश होने में नाकाम रहे थे, जिसके बाद अदालत की तरफ से ये निर्देश दिया गया था।
पाक सरकार की इस कार्रवाई के बाद मुशर्रफ विदेश यात्रा नहीं कर पाएंगे और बैंकिंग लेनदेन की सुविधा का लाभ उठाने में भी असमर्थ होंगे। सूत्रों के अनुसार, “उन्हें पाकिस्तान और विदेशों में अपनी संपत्तियों की खरीद-बिक्री से भी रोक दिया जाएगा।” आपको बता दें कि विशेष अदालत ने 2007 में देश में आपातकालीन शासन लागू करने के लिए “घोषित अपराधी” के खिलाफ उच्च राजद्रोह मामले की सुनवाई की। जिसके बाद सरकार को पूर्व राष्ट्रपति को गिरफ्तार करने और अपनी सभी संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया था।
3 नवंबर, 2007 को “आपातकालीन शासन” लगाने के आरोप में उन पर राजद्रोह का मामला शुरू किया गया था। 74 वर्षीय मुशर्रफ को इस मामले में मार्च 2014 में दोषी पाया गया था। विशेष अदालत ने पहले आंतरिक मंत्रालय को मुशर्रफ की गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल से संपर्क करने का निर्देश दिया था। उच्च राजद्रोह के लिए सजा मृत्युदंड या जीवन कारावास होता है। गौरतलब है कि, मुशर्रफ ने 1999 से 2008 तक पाकिस्तान पर शासन किया। वह पाकिस्तान में कई आपराधिक मामलों में वांछित रहे जिसमें पूर्व प्रधान मंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या भी एक प्रमुख मामला रहा
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