5 साल पहले मुजफ्फरनगर में हुए दंगा मामले में स्थानीय अदालत आज यानी शुक्रवार को फैसला सुना सकती है. इससे पहले कोर्ट ने कवाल गांव में एक हमले में दो युवकों की हत्या के आरोप में बुधवार को सात लोगों को दोषी ठहराया. बताया जाता है कि इसी हमले के बाद 2013 में मुजफ्फरनगर में दंगा भड़क गया जिसमें 60 से ज्यादा लोग मारे गए थे.
जिला अभियोजक राजीव शर्मा ने बताया कि अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश हिमांशु भटनागर ने 27 अगस्त, 2013 को गौरव और सचिन की हत्या करने तथा दंगे के जुर्म में मुजम्मिल मुज्जसिम, फुरकान, नदीम, जांगीर, अफजल और इकबाल को दोषी करार दिया. सरकारी वकील अंजुम खान ने बताया कि बुलंदशहर जेल में बंद मुजम्मिल वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश हुआ. पर्याप्त सुरक्षा नहीं मिल पाने के कारण उसको अदालत में पेश किया नहीं जा सका.
मृतक गौरव के पिता रविंद्र कुमार ने 7 लोगों को दोषी ठहराए जाने के बाद कहा कि हमें कोर्ट पर भरोसा था और यह भी पता था कि इसमें कई साल लग जाएंगे. अब देखते हैं कि आगे क्या होता है. केवल हम जानते हैं कि हमने उसे हमेशा के लिए क्या खो दिया. वहीं, गौरव की मां ने ‘आजतक’ से खास बातचीत में कहा कि आरोपियों को मौत की सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने बिना किसी कारण के मेरे बेटे को मार डाला.
प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के मुताबिक, जनसठ थाने के तहत आने वाले कवाल गांव के दो युवकों की हत्या कर दी गई थी. कोर्ट ने अभियोजन के 10 गवाहों और बचाव में उतरे 6 गवाहों की जिरह के बाद 7 लोगों को दोषी ठहराया. अभियोजन वकील द्वारा दिए गए आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 2013 के दंगे के बाद 6,000 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए और दंगे में कथित भूमिका के लिए 1,480 संदिग्ध आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. मामले की छानबीन करने वाली विशेष जांच टीम ने 175 मामलों में आरोपपत्र दाखिल किया था. इस बीच, 8 फरवरी को सजा का ऐलान होने के बाद आरोपी पक्ष हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में है.
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