मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमणियन ने कहा है कि इकोनॉमिक गतिविधियों को गति देने के लिए कॉरपोरेट टैक्स में कटौती जैसा कदम उठाना जरूरी था। उन्होंने कहा कि पिछली कुछ तिमाहियों से इकोनॉमी अपेक्षा के अनुरूप विकास नहीं कर रही है। इसमें जान फूंकने के लिए टैक्स कटौती जैसा फैसला लेना जरूरी हो गया था। सुब्रमणियन ने कहा कि वर्ष 2025 तक पांच लाख करोड़ डॉलर इकोनॉमी का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए आर्थिक सुधार के क्षेत्र में कदम बढ़ाने होंगे।

इस वर्ष जुलाई में जारी आर्थिक सर्वे में 2025 तक पांच लाख करोड़ डॉलर इकोनॉमी का लक्ष्य रखा गया और इसे पाने के रणनीतिक उपायों की चर्चा की गई थी। इस दौरान निवेश पर विशेष जोर दिया गया था। सुब्रमणियन ने कहा कि इकोनॉमी में उत्पादन को गति देने के लिए निवेश बहुत जरूरी है। उत्पादन बढ़ेगा तो आय बढ़ेगी, नौकरियां पैदा होंगी। इससे निर्यात भी बढ़ेगा। इन सबकी वजह से लोगों के हाथ में पैसा आएगा, जिससे उनकी खरीद क्षमता बढ़ेगी और मांग में इजाफा होगा।
मुख्य आर्थिक सलाहकार का कहना था कि कॉरपोरेट जगत को दोहरा टैक्स देना पड़ता है। पहले तो उन्हें कंपनी के रूप में टैक्स चुकाना होता है। इसके बाद पूंजी पर हुई बचत या लाभांश पर टैक्स चुकाना होता है। उन्होंने कहा कि इस दोहरे टैक्स के भार को कम करने के लिए कॉरपोरेट टैक्स में कटौती की गई है। गौरतलब है कि इसी वर्ष सितंबर में सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स को 30 परसेंट से घटाकर 22 परसेंट कर दिया था। इसके अलावा नई मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों के लिए यह 15 परसेंट कर दिया गया था।
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