मुख्य सचिव से मारपीट में केजरीवाल व सिसोदिया को आरोपित बनाएगी पुलिस

दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ बदसलूकी व मारपीट मामले में दिल्ली पुलिस आम आदमी पार्टी के 11 विधायकों के अलावा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी आरोपित बनाएगी। पुलिस ने चार्जशीट तैयार कर ली है और एक सप्ताह के अंदर तीस हजारी कोर्ट में दायर करेगी। हालांकि पुलिस चार्जशीट दायर करने से पहले केजरीवाल, सिसोदिया व विधायकों को गिरफ्तार नहीं करेगी।

पुलिस का कहना है कि उसने सभी 13 आरोपितों के खिलाफ पर्याप्त सबूत जुटा लिए हैं। केस की मजबूती के लिए उसने दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों में तैनात चार ऐसे आईएएस अफसरों के भी बयान दर्ज किए हैं, जिनसे मुख्यमंत्री व उनके मंत्रियों द्वारा पहले बदसलूकी की जा चुकी है। सचिव स्तर के इन आईएएस अधिकारियों के बयान को चार्जशीट में शामिल किया गया है।

पुलिस आपराधिक साजिश रचने, सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने, सरकारी कर्मचारी को ड्यूटी के दौरान चोट पहुंचाने, मारपीट करने, कमरे में बंधक बनाने व कई लोगों द्वारा जान से मारने की धमकी देने की धाराओं में चार्जशीट दायर करेगी।

इनमें ओखला के विधायक अमानतुल्लाह खान और देवली के विधायक प्रकाश जारवाल के खिलाफ मारपीट समेत अन्य सभी सात धाराओं में और केजरीवाल व सिसोदिया के अलावा नौ अन्य विधायकों के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने की धारा में चार्जशीट दायर की जाएगी। इन धाराओं के तहत अधिकतम तीन साल व न्यूनतम एक साल कैद का प्रावधान है।

मौजूद थे ये विधायक

घटना वाली रात मुख्यमंत्री आवास पर अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया के अलावा विधायक राजेश ऋषि, राजेश गुप्ता, ऋतुराज गोविंद, मदन लाल, प्रवीण कुमार, दिनेश मोहनिया, संजीव झा, अजय दत्त, नितिन त्यागी, अमानतुल्लाह खान व प्रकाश जारवाल मौजूद थे।

यह है मामला

19 फरवरी की रात 8.45 बजे मुख्यमंत्री के तत्कालीन सलाहकार वीके जैन ने मुख्य सचिव को फोन कर कहा था कि दिल्ली सरकार के तीन साल पूरा होने पर टीवी विज्ञापन के प्रसारण से संबंधित दिक्कतों के मद्देनजर बातचीत के लिए उन्हें रात 12 बजे मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचना है। इसके बाद मुख्य सचिव कार से चालक और अपने पीसीओ के साथ आधी रात को पहुंचे थे। इसके बाद वह एक कमरे में गए।

वहां मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री सहित 11 विधायक व अन्य लोग बैठे थे। वहां जाते ही मुख्यमंत्री ने उनसे पूछा कि सारे विधायक उनसे सरकार के तीन वर्ष पूरा होने पर विज्ञापन कार्यक्रम के संबंध में पूछ रहे हैं। विधायकों के सवालों का वह जबाव दें। इस पर अंशु प्रकाश ने कहा था कि सभी अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों से बंधे हुए हैं। किसी भी विज्ञापन का प्रसारण कोर्ट के दिशा-निर्देश के तहत ही हो सकता है। मुख्य सचिव का आरोप है कि उनके ऐसा कहते ही कमरे में मौजूद विधायकों ने उनसे गालीगलौच शुरूकर दी और अमानतुल्लाह खान समेत अन्य ने उनके साथ मारपीट भी की। सिर व चेहरे पर मुक्का व थप्पड़ मारने से उनका चश्मा जमीन पर गिर गया था।

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