छत्तीसगढ़ में आरक्षण के मुद्दे पर सियासत जारी है। हाईकोर्ट द्वारा आरक्षण को रद्द करने के बाद जुबानी जंग जारी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार कमेटियों का खेल खेलती रही, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। बघेल ने कहा कि आरक्षण पर बड़ी चर्चा हो रही है। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद आरक्षण में परिवर्तन आया। मध्य प्रदेश के दौरान आदिवासियों का 20 प्रतिशत आरक्षण था। अब 32 प्रतिशत आरक्षण हो गया है। 2005 में भारत सरकार के आदेश के बाद भी पूर्व की डॉ. रमन सिंह सरकार ने दबाकर रखा था।
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि आदिवासियों ने आंदोलन किया, तब जाकर 2011-12 में इसका प्रकाशन किया गया। आदिवासियों के आंदोलन के बाद यह सब हुआ। इसमें ऐसी व्यवस्था कर दिए कि कोर्ट चले गए। स्टे ले लिए, कमेटियां बना दी, लेकिन कमेटियों की रिपोर्ट्स को हाईकोर्ट में जमा नहीं किया गया। हाईकोर्ट ने 2022 में आरक्षण को रिवर्ट कर दिया है। प्रदेश की सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के हितों के लिए हमेशा तत्पर हैं। छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासियों के साथ खड़ी है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के साथ खड़ी है। पिछली सरकार ने कुछ नहीं किया। हमने 27 प्रतिशत किया तब ये लोग कोर्ट चले गए। अब हम हेड काउंट कर रहे हैं। बहुत जल्दी रिपोर्ट आ जाएगा और जिसका जो हक है वह मिलेगा। हम इसमें पीछे हटने वाले नहीं है।
छत्तीसगढ़ के हाईवे पर भाजपा करेगी चक्काजाम
इधर आरक्षण के मसले पर शनिवार दोपहर भारतीय जनता पार्टी प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में चक्का जाम करने जा रही है। विरोध प्रदर्शन करने सड़कों पर भाजपा के कार्यकर्ता और नेता उतरेंगे और नेशनल हाईवे को जाम करेंगे। भाजपा के तय कार्यक्रम के मुताबिक अंबिकापुर, कोंडागांव, राजनांदगांव में यह विरोध-प्रदर्शन होना है। दोपहर 12:00 बजे से सभी स्थानीय नेताओं की अगुवाई में एक साथ विरोध प्रदर्शन शुरू होगा। जिला प्रशासन बीजेपी नेता और कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए मुस्तैद है। भाजपा नेताओं का आरोप है कि भूपेश सरकार ने आरक्षण को बचाने हाईकोर्ट में वकील तक खड़ा नहीं किया।