नई दिल्लीः आठ साल से ज्यादा एक ही कमिश्नरेट में काम कर चुके पुलिस अधिकारियों को एक जिले से दूसरे जिले में ट्रांसफर करने को आदेश को रोक दिया गया है. इसके लिए ऐसे करीब 727 पुलिसकर्मियों की लिस्ट बनाई गई थी जो कि पिछले आठ साल से मुंबई परिक्षेत्र में कार्यरत थे और उनका ट्रांसफर किसी अन्य जिलों में किया जाना था.

पुलिस विभाग से निकाले गए सचिन वाझे के इंसिडेंट के बाद यह निर्णय लिया गया था. पर शहर में पहले से ही बहुत से पद खाली हैं, कोविड का संकट अभी भी है,गणपति , नवरात्री जैसे त्योहार, बीएमसी चुनाव के संन्दर्भ में हुई पुलिस स्थापना मंडल की बैठक में इस आदेश को छह महीने तक स्थागित करने का निर्णय लिया गया.
क्या था आदेश
इससे पहले मुंबई में पुलिस अधिकारियों को लेकर डिपार्टमेंट की ओर से बड़ा फैसला लिया गया था. डीजीपी संजय पांडे के आदेश पर मुंबई पुलिस परिक्षेत्र में पिछले 8 वर्षों से तैनात पीआई, एपीआई और पीएसआई को यहां से बाहर तैनाती का फरमान जारी कर दिया गया था. इस आदेश का यह मतलब यह था कि सीनियर पीआई, पीएसआई और एपीआई स्तर के जिन पुलिस अधिकारियों ने मुंबई पुलिस परिक्षेत्र में 8 साल पूरा कर लिया उनकी तैनाती किसी अन्य क्षेत्र में की जाएगी.
727 अधिकारियों की लिस्ट तैयार
मुंबई से बाहर की तैनाती को लेकर जिन 727 अधिकारियों की लिस्ट तैयार की गई थी. उन्हें यह भी कहा गया था कि अधिकारी अपने पसंद के तीन जिलों का चुनाव कर सकते हैं.
गिरफ्तार पुलिसकर्मियों में से सचिन वाझे के अलावा पूर्व एसीपी प्रदीप शर्मा और पीआई सुनील माने भी शामिल हैं. यही कारण है कि पुलिस का स्थानांतरण इसी कड़ी का हिस्सा माना जा रहा है.
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