मुंबई, बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मुंबई में बुधवार को 15,166 नए कोविड -19 मामले और 3 मौतें दर्ज की गईं। नए मामलों में से 87 प्रतिशत स्पर्शोन्मुख हैं। पिछले 24 घंटों में 1,218 कोविड -19 मरीज अस्पताल में भर्ती हुए हैं, जिनमें से 80 आक्सीजन सपोर्ट पर हैं। मुंबई का डबलिंग रेट 89 दिनों का है शहर में मंगलवार को 10,860 मामले सामने आए थे।
कोविड-19 और ओमिक्रोन मामलों में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए, मुंबई ने सार्वजनिक स्थानों, स्कूलों, कॉलेजों पर प्रतिबंध लगा दिया है। स्कूलों, कालेजों और विश्वविद्यालयों में आफलाइन कक्षाएं बंद कर दी गई हैं। समुद्र तट, खुले मैदान, समुद्री किनारे, सैरगाह, पार्क और अन्य सार्वजनिक स्थान शाम 5 बजे से सुबह 5 बजे के बीच लोगों के लिए बंद रहते हैं।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। इस राज्य में बीते बुधवार को कोरोना संक्रमण के 26 हजार 538 नए मामले सामने आये और 5331 संक्रमितों को अस्पताल से घर भेज दिया गया। बीते 24 घंटे में यहां आठ लोगों की मौत की खबर है।
राज्य में अब तक 797 ओमिक्रोन मामले हैं, जिनमें से 330 लोगों को छुट्टी दे दी गई है। इस बीच, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर) के शोधकर्ताओं के अनुसार, 6 से 13 जनवरी के बीच मुंबई में कोरोना संक्रमण के मामले अपने चरम पर होंगे और इन्हें नीचे आने में एक महीने का समय लग सकता है। टीआईएफआर में स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी एंड कंप्यूटर साइंस के वरिष्ठ प्रोफेसर संदीप जुनेजा के अनुसार फरवरी में कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या सबसे अधिक हो सकती है, लेकिन मार्च और मई के बीच दूसरी लहर के दौरान दर्ज की गई मौतों की तुलना में यह लगभग 30 से 50 प्रतिशत तक कम हो सकती है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि 6 जनवरी से 13 जनवरी के बीच पीक पीरियड के दौरान शहर में कितने मामले सामने आ सकते हैं। प्रोफेसर जुनेजा ने बताया कि अस्पताल में भर्ती संक्रमितों की संख्या भी दूसरी लहर से 50 से 70 फीसदी कम होने की संभावना है।