मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने कपड़ा एवं लाइफस्टाइल कंपनी प्रोवोग इंडिया लिमिटेड में कथित 90 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में पूर्व निदेशक और एक पूर्व कर्मचारी समेत चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोप है कि कंपनी के अंदरूनी लोगों ने बाहरी खरीदारों के साथ मिलकर कंपनी की असल कीमत भारी गिरावट में दिखाने की साजिश रची, ताकि इसे बाद में बेहद कम दाम पर हड़पा जा सके।
इन लोगों पर लगा जालसाजी का आरोप
मुंबई स्थित प्रोवोग इंडिया लिमिटेड, पुरुषों और महिलाओं के परिधान, सहायक उपकरण और सामान सहित कई तरह के उत्पादों का निर्माण और बिक्री करती है। एक अधिकारी ने बताया कि आरोपियों की पहचान कंपनी के पूर्व निदेशक राकेश रावत, उसके पूर्व कर्मचारी समीर खंडेलवाल, समाधान पेशेवर अमित गुप्ता, नए खरीदार अर्पित खंडेलवाल, प्लूटस इन्वेस्टमेंट्स एंड होल्डिंग लिमिटेड और अन्य के रूप में हुई है।
असल कीमत भारी गिरावट में दिखाने की साजिश
एक अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने आपस में मिलकर साजिश रची और कथित तौर पर कंपनी की संपत्तियों का वास्तविक मूल्य कम करके आंका और जानबूझकर नीलामी प्रक्रिया में दो साल की देरी की ताकि उसका बाजार मूल्य कम हो जाए ताकि खंडेलवाल कंपनी खरीद सकें। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने निजी फायदे के लिए ग्राहकों (देनदारों) से प्राप्य राशि नहीं ली।
पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर ने दर्ज कराई शिकायत
उन्होंने बताया कि इस संबंध में प्रोवोग इंडिया लिमिटेड के पूर्व प्रबंध निदेशक, 55 वर्षीय निखिल चतुर्वेदी ने शिकायत दर्ज कराई थी। यह साजिश 2018 और 2023 के बीच की गई। आरोप लगाया गया कि वित्तीय हालत बिगड़ने का फायदा उठाकर सोची-समझी रणनीति के तहत कंपनी को नुकसान पहुंचाया गया। आरोपियों पर धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और आपराधिक साजिश के आरोप लगाए गए हैं और मामले की जांच जारी है।
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