मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ! उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस का चेहरा बनाई गयीं शीला दीक्षित और नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर स्वागत मंचों से तो खूब दहाड़े, लेकिन जब पत्रकारों के सवालों से सामना हुआ तो पूर्व में दिए गये अपने ही बयानों के कारण दोनों की घिग्घी बंध गयी!
राजबब्बर द्वारा कांग्रेस को बार-बार एक टीम होने का दावा करने और सभी प्रमुख नेताओं के लिए कुछ न कुछ कसीदे पढ़ने के बाद भी पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ रीता बहुगुणा जोशी और पूर्व एमएलसी नसीम पठान कार्यक्रम में रहते हुए एक फासला बनाये रहे! जिसके कारण पीके के न चाहते हुए भी यह सन्देश चला गया कि प्रदेश कांग्रेस के भीतर सब कुछ ठीक नहीं है!
सीयम चेहरा बनकर पहली बार लखनऊ आयी शीला दीक्षित को जब यह याद कराया गया कि आपने तो दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान दिल्ली की मुख्यमंत्री रहते हुए कहा था कि यूपी और बिहार के लोगों के कारण दिल्ली गन्दी हो गयी है और यहाँ की कानून व्यवस्था बिगड़ गयी है ? इसके बाद तो डायस पर बैठे कांग्रेसी सन्नाटे में आ गये! फिर शीला दीक्षित ने कहा कि नहीं हमने कोई ऐसा बयान नहीं दिया था, मेरी बात को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया था! शीला दीक्षित पर उम्र का पूरा दवाव दिखा वे उनसे पूंछे गये सवालों का पूरा जवाब दे पातीं, इसके पहले कोई और सवाल न हो जाये राजबब्बर ने माइक अपने हाथ में लेकर कहा कि ये मेरी पड़ोसी रहीं इस लिए जवाब हम दे रहे हैं !
उन्होंने बिना किसी सवाल के ही बताना शुरू कर दिया कि शीला दीक्षित पूरे देश की हैं, कन्नौज से सांसद रहीं, दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में वहां विकास किया, अब यूपी में मुख्यमंत्री के लिए सोनिया गांघी, राहुल गांघी और प्रियंका गांघी ने इन्हें चेहरा बनाया है! फिर क्या अब बारी थी राजबब्बर की, उनसे पूंछा गया कि आपने तो कांग्रेस के चुनाव चिन्ह हाथ के पंजे को खूनी पंजा कहा था!
इसका भी संतोषजनक जवाब न दे पाने के कारण वह समाजवादी पार्टी के परिवारवाद और मोदी पर हमलावर हो विषय से भाग गये! शीला दीक्षित और राजबब्बर को घिरता देख एक बार फिर कांग्रेस का संकटमोचक बनते हुए कांग्रेस के दिग्गज नेता, राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने इशारों में पत्रकार वार्ता से उठने का संकेत किया और सबको लेकर चल दिए! पूरी वार्ता के दौरान शीला दीक्षित, राजबब्बर व अन्य नेता बार-बार घडी ही देखते रहे, बाद में पता चला कि आज का मंचन समाप्त, अब सभी नेता दिल्ली चले गये!
इसके पूर्व के कार्यक्रमों में राजबब्बर ने भाजपा अध्यक्ष अमितशाह को तड़ीपार, सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव को समाजवाद का परिवारवादी पोषक और बहुजन समाजवादी पार्टी की मुखिया मायावती पर बसपा संस्थापक कांशीराम के मिशन से भटकने का आरोप लगाया!
प्लान पीके के अनुसार इस आयोजन में तो पैसा पानी की तरह बहा कर कांग्रेसियों में हौसला भरने की कोशिश की गयी लेकिन मीडिया ट्रायल ने पीके के ताने-बाने को तार-तार कर दिया!
-मनोज सामना की फेसबुक वाल से साभार