बिहार के गोपालगंज में सत्तरघाट के पास छोटे पुल की एप्रोच सड़क ढहने के मामले में ग्रामीणों पर एफआईआर दर्ज की गई है. इस पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव ने एक वीडियो ट्वीट करके कहा कि अब निर्लज्ज भ्रष्ट सरकार ग्रामीणों पर ही केस दर्ज कर रही है कि वो मीडिया को सच क्यों बता रहे है?
तेजस्वी यादव ने वीडियो ट्वीट करके कहा कि 264 करोड़ की लागत से बने पुल के ढहने से पहले ग्रामीणों ने आगाह किया था लेकिन भ्रष्टाचारी नीतीश सरकार की कहां आंख खुलने वाली थी? पुल ढहेगा तभी ना भ्रष्टाचार करेंगे? वीडियो देखिए. अब निर्लज्ज भ्रष्ट सरकार ग्रामीणों पर ही केस दर्ज कर रही है कि वो मीडिया को सच क्यों बता रहे है?
इससे पहले तेजस्वी यादव ने कहा था, ‘8 वर्ष में 263.47 करोड़ की लागत से निर्मित गोपालगंज के सत्तर घाट पुल का 16 जून को नीतीश जी ने उद्घाटन किया था. आज 29 दिन बाद यह पुल ध्वस्त हो गया. खबरदार! अगर किसी ने इसे नीतीश जी का भ्रष्टाचार कहा तो? 263 करोड़ तो सुशासनी मुंह दिखाई है. इतने की तो इनके चूहे शराब पी जाते हैं.’
छोटे पुल का एप्रोच सड़क ढहने के मामले में तीन अलग-अलग एफआईआर लिखी गई है. बैकुंठपुर थाने में सीओ, ठेकेदार और पुल निगम के इंजीनियर ने एफआईआर दर्ज कराई है. सीओ ने जिला परिषद सदस्य रवि रंजन उर्फ विजय बहादुर के साथ समर्थकों पर लॉकडाउन तोड़ने की एफआईआर दर्ज कराई है.
ठेकेदार उदय सिंह ने फैजुल्लाहपुर के मुखियापति उदय सिंह समेत ग्रामीणों पर निर्माण कार्य में बाधा पहुंचाने की एफआईआर दर्ज कराई. पुल निगम के इंजीनियर ने अज्ञात ग्रामीणों पर जबरन पुल निगम का जेसीबी लेकर सड़क काटने और कार्य में बाधा पहुंचाने की एफआईआर दर्ज कराई है.
बिहार सरकार ने दावा किया था कि 264 करोड़ की लागत से बना सत्तर घाट पुल नहीं टूटा है. सरकार की ओर से बकायदा एक वीडियो जारी किया गया है. मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा कि सत्तरघाट पुल में 3 छोटे ब्रिज हैं. सत्तरघाट ब्रिज से 2 किलोमीटर दूर छोटे ब्रिज का अप्रोच केवल पानी के तेज बहाव से कटा है.