राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) को नवंबर, 2018 के बाद इस साल जुलाई में महिला ¨हसा से जुड़ी सर्वाधिक 2,914 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। नवंबर, 2018 के दौरान देश में ‘मीटू’ आंदोलन शीर्ष पर था। तब आयोग को 3,339 शिकायतें प्राप्त हुई थीं। एनसीडब्ल्यू के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई के दौरान घरेलू हिंसा से संबंधित 660 शिकायतें मिलीं। 744 शिकायतें गरिमा से जीने का अधिकार की धारा से जुड़ी थीं। गरिमा से जीने का अधिकार की धारा महिलाओं के भावनात्मक शोषण से संबंधित है। 493 शिकायतें महिला उत्पीड़न व दहेज उत्पीड़न से जुड़ी थीं। 146 शिकायतें पुलिस की उदासीनता व 110 साइबर अपराध से जुड़ी रहीं।
आयोग को मिलीं 146 शिकायतें दुष्कर्म या दुष्कर्म के प्रयासों से संबंधित रहीं, जबकि 50 यौन उत्पीड़न की थीं। राज्यवार शिकायतों की बात करें तो आयोग को मिली कुल शिकायतों में से आधे से ज्यादा 1,461 केवल उत्तर प्रदेश से आई हैं। इसके बाद दिल्ली का स्थान आता है, जहां से 338 शिकायतें आईं। जून, 2020 में आयोग को महिला ¨हसा से जुड़ी 2,043 शिकायतें मिली थीं।
एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष रेखा शर्मा ने शिकायतों में बढ़ोतरी के संबंध में कहा कि आयोग ने सोशल मीडिया पर सक्रियता बढ़ा दी है, इसलिए महिलाओं के लिए आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज कराना सहज हो गया है। उन्होंने कहा, ‘हम ट्विटर व दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये मिलने वाली शिकायतों पर भी संज्ञान लेने लगे हैं। हमने नए मामलों के लिए एक वाट्सएप नंबर भी जारी किया है।’ उन्होंने महिलाओं से उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान किया।