पूर्वी लद्दाख के गलवन घाटी पर भारत-चीन के मध्य तनाव का असर मास्को की विजय परेड पर दिखेगा। भारत ने दो टूक कहा है कि रूस की राजधानी मास्को में भारत के रक्षा मंत्री की मुलाकात चीन के उनके समकक्ष जनरल वी फेंग के साथ नहीं होगी। भारत ने उस खबर का खंडन किया है, जिसमें यह कहा जा रहा था कि रूस के दौरे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मुलाकात अपने चीनी समकक्ष के साथ होगी। मॉस्को की 75वीं विकट्री परेड में चीन के विदेश मंत्री भी शामिल होंगे।
एलएसी पर चीन और भारत के बीच तनाव बरकरार
बता दें कि आपको बता दें कि पिछले 50 दिनों से भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर टकराव की स्थिति बनी हुई है। 15 जून को पूर्वी लद्दाख के गलवन घाटी में दोनों सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिकों की मौत हो गई थी। इस संघर्ष में 35 चीनी सैनिक भी हताहत हुए थे। इसके बाद दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव बरकरार है। यह टकराव चीन की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है। हालांकि, सोमवार को भारत और चीन के कोर कमांडर्स की बैठक के बाद दोनों देश डिसइंगेजमेंट के लिए तैयार हे गए हैं लेकिन तनाव अभी भी बरकरार है।
भ्रांति की वजह बना चीनी अखबार
दरअलस, इस खेल के पीछे चीनी सरकार का ही हाथ है। यह भ्रांति तब पैदा हुई जब चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने यह खबर प्रकाशित की दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के मॉस्को में मिलने की संभावना है। चीन के ग्लोबल टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से बताया कि चीनी रक्षा मंत्री वी फेंग बुधवार को मॉस्को में रूस की विजय दिवस परेड में भाग लेंगे और संभवत: अपने भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह के साथ बैठक करेंगे। इसके बाद भारत ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि रक्षा मंत्री मॉस्को यात्रा के दौरान चीनी समकक्ष से नहीं मिलेंगे। भारत ने अपना स्टैंड साफ कर दिया है जब तक चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा पर टकराव की स्थिति को खत्म नहीं करता, यह संभव नहीं है।
रक्षा मंत्री का रूस के उप प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव से मुलाकत
रूस के निमंत्रण पर तीन दिवसीय दौरे पर मॉस्को गए राजनाथ ने कहा कि रूस के उपप्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव की मुलाकात में रक्षा सहयोग की समीक्षा के साथ ही इस पर विस्तार से चर्चा हुई है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्योते पर रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन इसी साल भारत आने को तैयार हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा कि रूस के उप प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव के साथ एक शानदार बैठक हुई है। भारत और रूस विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त सामरिक भागीदारी करते हैं और रक्षा संबंध इसके महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है। हमने अपने रक्षा सहयोग की समीक्षा की और इसके विस्तार के तरीकों पर चर्चा की।