माले। पिछले काफी समय से राजनीतिक संकट का सामना कर रहे मालदीव में पर्यटन क्षेत्र को बड़े पैमाने पर छंटनी की वजह से भारी कीमत चुकाना पड़ रहा है। इसके कारण रिसॉर्ट्स और पर्यटन संचालकों को रद कर दिया है। इसका सीधा सीधा प्रभाव इनके कर्मचारियों पर पड़ रहा है।
हाल ही में, लाईवअबोर्ड एसोसिएशन ऑफ माल्दीव्स (LAM) ने राजनीतिक मुद्दों के कारण पर्यटन पर असर पड़ने पर चिंता व्यक्त की थी। LAM ने कहा था, एक संगठन के रूप में हम पर्यटन के क्षेत्र में विकास, प्रचार और इसकी वकालत करते हैं। हम विश्वास करते हैं कि वर्तमान राजनीतिक वातावरण में प्रतिस्पर्धी पर्यटन उद्योग की सुरक्षा के लिए सभी लोगों को एक जिम्मेदार भूमिका निभानी चाहिए।
LAM ने बाद में एक बयान में कहा, “हम यह भी मानते हैं कि मालदीव में पर्यटन का बहिष्कार करने से बुकिंग पर इसका प्रभाव पड़ेगा। बताया जाता है कि देश में चल रहे राजनीतिक हलचल को लेकर विशाल अंतरराष्ट्रीय मीडिया कवरेज को देखते हुए कई देशों ने अपने नागरिकों को यहां की यात्रा ना करने की सलाह जारी कर दी है। इसके साथ ही बताया जा रहा है 2018 के कई चार्टर उड़ानें रद कर दी गई है।
इस बीच 20 फरवरी को मालदीव संसद ने 30 दिनों तक के लिए आपातकाल के विस्तार को मंजूरी दे दी। देश के राष्ट्रीय सुरक्षा और संवैधानिक संकट पर खतरे का हवाला देते हुए राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने इसकी घोषणा की थी। विपक्षी नेताओं ने सत्र का बहिष्कार करते हुए आपातकाल विस्तार को अवैध और असंवैधानिक बताया।
आपको बता दें कि, मालदीव में जेल में बंद विपक्षी नेताओं को आजाद करने की सुप्रीम कोर्ट के आदेश को राष्ट्रपति यमीन ने मानने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद से ही वहां राजनीतिक मुद्दा गरमाया हुआ है और देश में अशांति का माहौल पैदा हो गया है। 2 फरवरी को मालदीव के सर्वोच्च न्यायालय ने पूर्व मालदीव राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद, पूर्व मालदीव उप राष्ट्रपति अहमद अदीब को बरी कर दिया और संसद के 12 अन्य सदस्यों की बरी करने का आदेश दिया था।