माब लिंचिंग मामला: मनुष्य और गाय दोनों ही महत्वपूर्ण

माब लिंचिंग मामला: मनुष्य और गाय दोनों ही महत्वपूर्ण

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सवा साल में राज्य के सभी 75 जिलों का दौरा करने वाले प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री हैं। निजी और सरकारी तौर पर गोरखपुर में सर्वाधिक आना-जाना रहा। इस रिकार्ड को अपने कर्म के बजाय भाग्य से जोड़ने वाले सीएम योगी ने माब लिंचिंग को लेकर चल रहे बवाल पर कहा कि मनुष्य और गाय दोनों ही महत्वपूर्ण है। दोनों की सुरक्षा होगी। सभी वर्गों को सुरक्षा देना सरकार की जिम्मेदारी है।माब लिंचिंग मामला: मनुष्य और गाय दोनों ही महत्वपूर्ण

राहुल गांधी को अस्वीकार कर चुका देश 

पूरे राज्य में जिले-जिले जाकर लोगों को भाजपा सरकार की निकटता महसूस कराने वाले सीएम योगी आज कई मसलों में विभिन्न मीडिया समूहों के प्रतिनिधियों से मुखातिब हुए। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर उठे सवाल पर कहा कि राहुल गांधी की बचकानी हरकतों की वजह से पूरा राष्ट्र उन्हें नकार चुका है। संसद में अविश्वास प्रस्ताव ने कांग्रेस की कलई खोल दी है। इस दौरान संसद में उनके कार्य और व्यवहार से विपक्ष का अपरिपक्व व्यक्तित्व उजागर हुआ है। 

सबको सुरक्षा देना हमारी जिम्मेदारी 

योगी आदित्यनाथ ने माब लिंचिंग को लेकर चल रहे हंगामे पर कहा कि ऐसी घटनाओं को अनावश्यक तूल दिया जा रहा है। यदि आप माब लिंचिंग की बात करते हैं तो 1984 में क्या हुआ था? कानून व्यवस्था सरकार का विषय है। योगी ने कहा कि सबको सुरक्षा देना हमारी जिम्मेदारी है। लोगों को चाहिए कि वह सभी धर्म, संप्रदाय और वर्ग को लोग एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान करें। मनुष्य और गाय दोनों की ही प्रकृति में महत्वपूर्ण भूमिका है जिस तरह मानव महत्वपूर्ण है उसी तरह गाय भी।

विकास-सुशासन और हिंदुत्व एक-दूसरे के पूरक

योगी ने लोकसभा चुनाव के मुद्दे के सवाल पर कहा कि विकास और सुशासन भाजपा का मुद्दा है। केंद्र सरकार ने आम लोगों के लिए ऐतिहासिक काम किए हैं और जनता इसे मान रही है तो हम उन्हीं को लेकर चुनाव में जाएंगे। हिंदुत्व मुद्दा होगा या नहीं, इसके खास मायने नहीं। हिंदुत्व राष्ट्रीयता का पर्याय है। उससे इतर नहीं है। विकास-सुशासन और हिंदुत्व एक-दूसरे के पूरक हैैं। 

कांग्रेस बनाती राई को पहाड़ 

कांग्रेस का उद्देश्य छोटे-छोटे मामलों को तूल देकर राई को पहाड़ बनाना है। योगी ने कहा कि 15-16 महीने में  75 जिलों का दौरा कर वहां की सरकारी मशीनरी को सक्रिय करने पर वह अपने आपको भाग्यशाली समझते हैं। इस दौरान उन्होंने 18 कमिश्नरियों में जाकर विकास और कानून व्यवस्था की समीक्षा भी की है। 

कहां कितनी बार

  • अनेक बारः गोरखपुर निजी और सरकारी दोनो के कारण अधिक बार गए
  • पांच बारः मथुरा, इलाहाबाद
  • चार बारः आजमगढ़, आगरा, कुशीनगर, गोंडा, महाराजगंज, फैजाबाद
  • तीन बारः शाहजहांपुर, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, मीरजापुर, लखीमपुर, कानपुर, सीतापुर, उन्नाव, वाराणसी
  • दो बारः बागपत, मेरठ, बस्ती,मुरादाबाद, बलरामपुर, बाराबंकी, पीलीफीत, झांसी इटावा
  • एक बारः शेष सभी जिले

गोरखपुर से शुरू और हाथरस में समापन

19 मार्च 2017 को सत्ता संभालने के बाद शुरुआत उन्होंने  गोरखपुर से ही की। समापन 22 जुलाई 2018 को हाथरस में किया। गोरखपुर की तमाम यात्राएं निजी थीं। लिहाजा सरकारी यात्राओं उनका जिक्र नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संससदीय क्षेत्र वाराणसी और अगले साल होने वाले कुंभ के नाते इलाहाबाद भी उनके लिए खास रहा। राम मंदिर के नाते उनकी अयोध्या की यात्राएं सर्वाधिक सुर्खियों में रहीं। हालांकि अयोध्या से अधिक वह इलाहाबाद और मथुरा गये। श्री राम मंदिर के नाते सुर्खियों में भले ही उनकी अयोध्या की यात्राएं और दीपावली के एक दिन पहले वहां आयोजित दीपोत्सव रहा हो, पर योगी श्रीकृष्ण की जन्म भूमि मथुरा सर्वाधिक पांच बार गये। विश्व प्रसिद्ध बरसाना के ‘रंगोत्सव’ और लोहवन के ‘फाल्गुनोत्सव’ वे रंगों से भीगे भी। अगस्त-2017 में बाढ़ के दौरान उन्होंने बलिया, महराजगंज, बहराइच, श्रावस्ती, बाराबंकी, पीलीभीत, सिद्धार्थनगर और सीतापुर का न केवल दौरा किया, बल्कि नाव से घंटों की यात्रा कर प्रभावित इलाकों में गये। 

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