महिला को सांप ने 60 से ज्यादा डसा, फिर भी मौत उसे छूती नहीं आखिर क्यों ?

सविता को पहली बार सांप ने तब डसा जब उसकी उम्र 19 वर्ष थी। उसके बाद से हर वर्ष औसतन चार से पांच बार सांप उसे डसता है, मगर कुदरत के करिश्मे के चलते मौत उसे छूती नहीं है।

टीकमगढ़: नाम सविता यादव, उम्र 33 वर्ष। इस महिला को सांप 60 से ज्यादा बार डस चुका है, मगर मौत का साया कभी उसके पास नहीं पहुंचा। ये किसी पटकथा की पंक्तियां नहीं हैं, बल्कि मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले की उस महिला की जिंदगी की हकीकत है, जिसे साल में कई बार सांप के दंश का शिकार बनना पड़ता है।

टीकमगढ़ के मोहनगढ़ पंचायत के करीब है पंचमपुरा गांव। यहां रहने वाली सविता की पहचान सर्पदंशिता के रूप में बन चुकी है। सविता को पहली बार सांप ने तब डसा जब उसकी उम्र 19 वर्ष थी। उसके बाद से हर वर्ष औसतन चार से पांच बार सांप उसे डसता है, मगर कुदरत के करिश्मे के चलते मौत उसे छूती नहीं है।

सविता बताती है कि उसे जिस रात सपने में सांप दिखता है, वह समझ जाती है कि जल्दी ही सांप उसके करीब आकर उसे काट सकता है। ऐसा होता भी है। वह बताती है कि एक बार भी ऐसा नहीं हुआ कि सांप सपने में दिखा हो और उसे काटा न हो। इतना ही नहीं, जब उसे सांप काटता है तो ललितपुर का एक ओझा ही उसे होश में ला पाता है।

मजदूरी करने वाले परिवार की सविता के शरीर पर बने 60 निशान सांप के डसने की कहानी बयां करते हैं। हाथ व शरीर के हिस्से में सांप के डसे जाने के निशान दिखाते हुए सविता बताती है कि सांप के डसते ही वह बेहोशी की हालत में आ जाती है और परिवार के लोग उसे ओझा के पास लेकर भागते हैं। होश में आने पर उसे कई दिन तक कमजोरी रहती है। उसका दावा है कि उसे बार-बार एक ही सांप डसता है।

सविता के पति राजधर का कहना है कि ऐसा नहीं है कि सांप उसे सिर्फ पंचमपुरा गांव में रहने पर ही काटता हो। वह पंचमपुरा से बाहर भी होती है तो उसे वहां भी सांप का निशाना बनना पड़ता है।

गांव के कुछ लोग इस वाकये को पुर्नजन्म से जोड़ते हैं। उनका कहना है कि सविता पिछले जन्म में उस सांप के करीब रही होगी, जो उसे इस जन्म में डसता है। इस जन्म में दोनों अलग-अलग हैं। जहां सविता ने इंसान के रूप में जन्म लिया है तो वह सांप के तौर। जान-पहचान के कारण ही वह सविता के पास आता है।

सविता को सांप क्यों डसता है और उस पर जहर का असर क्यों नहीं होता, इसको लेकर तरह-तरह के किस्से लोग एक-दूसरे को सुनाते हैं।

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