महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इसी बीच राज्य के कई नए जिलों में वायरस का प्रकोप बढ़ा है। महाराष्ट्र के 36 जिलों में से 28 में सक्रिय मामलों में पिछले दो हफ्ते में वृद्धि हुई है। 10 दिन पहले इन जिलों की संख्या 21 थी। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि विदर्भ के अमरावती, अकोला, बुलढाणा, यवतमाल और नागपुर नए उभरते हॉटस्पॉट्स हैं और यहां सक्रिय मामले बढ़ रहे हैं।
वहीं मराठवाड़ा के जिले जैसे लातूर, हिंगोली, परभणी और नांदेड़ में भी कोविड-19 के मामले बड़ी संख्या में बढ़ रहे हैं। फरवरी में विदर्भ उपरिकेंद्र बना है। 12,577 मामलों के साथ पुणे दूसरे और 9,141 मामलों के साथ नागपुर तीसरे स्थान पर है।
मुंबई में कोरोना के 7,899 मामले हैं। वहीं ठाणे में 7,276 और अमरावती में 6,740 सक्रिय मामले हैं। इन पांच जिलों में सक्रिय मामले राज्य के कुल सक्रिय मामलों का लगभग 65 प्रतिशत हैं। नागपुर की 50 लाख जनसंख्या के आधार पर यहां के मामले ज्यादा हैं। वहीं मुंबई में लगभग एक करोड़ 30 लाख की जनसंख्या के आधार पर मामले कम हैं।
आंकड़ों से पता चलता है कि 15 से 21 फरवरी के बीच अमरावती में सबसे अधिक साप्ताहिक पॉजिटिव दर (19.4 प्रतिशत) दर्ज की गई थी। अकोला की पॉजिटिव दर 10.5 प्रतिशत थी और बुलढाणा में 6.1 प्रतिशत रिपोर्ट की गई। ये सभी जिले विदर्भ में थे। हालांकि, अमरावती की साप्ताहिक पॉजिटिव दर 41.5 प्रतिशत तक उच्चतम बनी हुई है, जबकि अकोला में 30.8 प्रतिशत पॉजिटिव दर दर्ज की गई।
राज्य सरकार के सलाहकार डॉ. सुभाष सालुंके ने कहा कि उम्मीद है कि वायरस धीरे-धीरे नए जिलों में फैलेगा। उन्होंने कहा, ‘कुछ स्थानों पर प्रसार तेजी से होगा जबकि अन्य में यह धीरे-धीरे फैलेगा। उदाहरण के लिए मराठवाड़ा को विदर्भ जिलों के आस-पास रहने वाली अपनी जनता की निगरानी करनी चाहिए। यहां तक कि पड़ोसी जिले पुणे और नासिक को भी सतर्कता बरतनी चाहिए।’
डॉ. सालुंके ने बढ़ते मामलों को कोरोना की दूसरी लहर करार नहीं दिया है। मामलों में वृद्धि अगले या दो महीने तक जारी रह सकते हैं। राज्य के एक अधिकारी ने कहा कि मराठवाड़ा के अंदर औरंगाबाद में सक्रिय मामलों में उछाल आया है। एक फरवरी को कोरोना के 347 मामले थे, यह संख्या शुक्रवार को बढ़कर 2,052 हो गई है। सभी जिलों को परीक्षण बढ़ाने के लिए कहा गया है।