महाराष्ट्र भाजपा के प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने मंगलवार को कहा कि राज्य में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए कई मंदिर आगे आए हैं, लेकिन अन्य धार्मिक समुदायों के पूजा स्थलों ने ऐसा सहयोग नहीं किया है। उपाध्ये ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में दावा किया कि यह हिंदू या मुस्लिम का मुद्दा नहीं, बल्कि संवेदनशीलता का मुद्दा है। उपाध्ये ने बताया कि राज्य अत्यधिक बारिश और बाढ़ से जूझ रहा है, लाखों परिवार संकट में हैं और सैकड़ों लोग इस आपदा से तबाह हो गए हैं।
भाजपा प्रवक्ता ने उठाए सवाल
उपाध्ये ने कहा कि ‘ऐसे कठिन समय में, कई हिंदू मंदिरों ने राज्य सरकार के साथ-साथ सीधे प्रभावित लोगों को बड़े पैमाने पर और पारदर्शी तरीके से मदद कर एक मिसाल कायम की है, लेकिन राज्य में अन्य धर्मों के पूजा स्थल – दरगाहें और मस्जिदें – पीछे क्यों हैं? उनके प्रशासन के पास करोड़ों रुपये की धनराशि है, इसके बावजूद मदद का कोई एलान नहीं किया गया है। बाढ़ पीड़ितों को कोई राहत क्यों नहीं दी गई? सवाल हिंदू या मुसलमान का नहीं, बल्कि संवेदनशीलता का है।’
कई मंदिरों ने दी करोड़ों रुपये की सहायता
भाजपा नेता ने खास तौर पर तुलजाभवानी मंदिर, शेगांव गजानन महाराज संस्थान और सिद्धिविनायक मंदिर का हवाला देते हुए कहा कि इन सभी ने पारदर्शी तरीके से सरकार को करोड़ों रुपये की सहायता भेजी है। उन्होंने कहा कि कई मंदिरों, ट्रस्टों और सार्वजनिक संगठनों ने अपनी क्षमता के अनुसार, संकटग्रस्त लोगों को मदद पहुंचाई है।
महाराष्ट्र भारी बारिश और बाढ़ से जूझ रहा
राजनीतिक विरोधियों पर निशाना साधते हुए उपाध्ये ने कहा कि जो नेता और विचारक कभी हिंदुत्व का नकली मुखौटा पहनते हैं और कभी गंगा-जमुनी संस्कृति के प्रति प्रेम का दावा करते हैं लेकिन मंदिरों का मजाक उड़ाते हैं और हिंदुओं की आलोचना करते हैं, उन्हें स्वयं इन सवालों पर विचार करना चाहिए। महाराष्ट्र के कई हिस्सों में, जिनमें सूखाग्रस्त मराठवाड़ा क्षेत्र भी शामिल है, हाल ही में भारी बारिश और बाढ़ आई, जिससे भारी नुकसान हुआ है।
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