महाराष्ट्र पुलिस के DGP रहे सुबोध जयसवाल ने ट्रांसफर और प्रमोशन पैसों की लेनदेन पर सवाल उठाया था : देवेंद्र फडणवीस

एनसीपी नेता शरद पवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर महाराष्ट्र की उद्धव सरकार और एनसीपी नेता शरद पवार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि शरद पवार का यह कहना कि सचिन वाजे की पुलिस फोर्स में वापसी की मंजूरी परमबीर सिंह की कमेटी ने दी थी यह आधा सच है.

क्या सरकार को नियमों का पता नहीं था. सरकार सो रही थी. किसी सस्पेंडेड शख्स को पुलिस के शीर्ष पदों पर कैसे बैठाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस मामले में डीजीपी की जांच पूर्व कमिश्नर कैसे कर सकते हैं. दरअसल, शरद पवार ने कहा था कि इस प्रकरण की जूलियो रिबेरो से इसकी जांच कराई जाए. जूलियो रिबेरो महाराष्ट्र के चर्चित और बेदाग छवि वाले पुलिस अफसर रहे हैं.

फडणवीस ने कहा कि जो शरद पवार बोल रहे हैं वो आधा सच है. वाजे को परमबीर की कमेटी ने जरूर पुलिस में शामिल किया लेकिन  यह मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के कहने पर ही हुआ है. शरद पवार ये बात कहना भूल गए. रिबेरो से जांच कराने की बात पर फडणवीस ने कहा कि सवाल ये है कि जांच परमबीर सिंह की होगी या पूरे घटना की जांच कराई जाएगी.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान फडणवीस ने कहा कि पुलिस के डीजीपी रहे सुबोध जयसवाल ने सरकार को एक रिपोर्ट दिया था कि पुलिस के ट्रांसफर और प्रमोशन में काफी पैसों की लेनदेन हो रही है. यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री तक गई थी. यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री के बाद गृह मंत्री के पास भी गई थी और तब इस रिपोर्ट पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई थी.

 सुबोध जयसवाल जैसे प्रमाणिक अधिकारी जिसने महाराष्ट्र से केंद्र में डेप्यूटेशन लिया. वो अब दिल्ली में सीआईएसएफ के प्रमुख हैं ने यह रिपोर्ट दी थी. ट्रांसफर और प्रमोशन का रैकेट चल रहा था जिसमें कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसमें महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री और उनके दफ्तर का नाम आ रहा है.

फडणवीस ने कहा कि परमबीर सिंह ने गंभीर आरोप लगाए हैं. लेकिन उद्धव ठाकरे किसी भी कीमत पर अपने सरकार बचाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि वाजे को फिर से पुलिस में शामिल परमबीर सिंह की कमेटी ने किया लेकिन जब उनको अहम जिम्मेदारी दी गई तब क्या महाराष्ट्र सरकार सो रही थी. क्या सरकार को तब नियम मालूम नहीं थे? सरकार को नियम पता थे फिर भी वाजे को अहम पद क्यों दिया गया? ये सरकार के आशीर्वाद के बिना कैसे हो सकता है.

उन्होंने कहा कि जबतक अनिल देशमुख गृह मंत्री के पद पर हैं तबतक पूरे मामले की जांच नहीं हो पाएगी. इसलिए देशमुख का इस्तीफा जरूरी है. सवाल ये भी है कि महाराष्ट्र का गृह मंत्रालय कौन चलाता है? होम मिनिस्टर चलाते हैं या शिवसेना के मंत्री चलाते हैं.

जैसे शिवसेना के मंत्री अनिल इस मामले पर जवाब दे रहे थे हैं ऐसे लगता है वो ही गृह मंत्रालय चलाते हैं. उन्होंने कहा कि इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि वाजे की गाड़ी पिछले 6 महीने में और किसने चलाई है. जबतक इस मामले में जांच नहीं हो जाती और गृह मंत्री का इस्तीफा नहीं हो जाता तबतक बीजेपी का आंदोलन जारी रहेगा.

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