भारत में ऐसी कई जगहें हैं, जो घूमने के लिहाज से बहुत ही शानदार हैं। ऐसी ही एक जगह है भीमबेटका रॉक शेल्टर्स (शैलाश्रय)। यह मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित एक पुरापाषाणिक आवासीय पुरास्थल है, जो आदि मानव द्वारा बनाए गए शैलचित्रों और रॉक शेल्टर्स के लिए प्रसिद्ध है।

भोपाल मंडल के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने साल 1990 में इस जगह को राष्ट्रीय महत्त्व का स्थल घोषित किया था, जबकि साल 2003 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था। कहते हैं कि भीमबेटका रॉक शेल्टर्स पर्यटकों को अतीतकाल की यात्रा पर ले जाता है। यह जगह दूर-दूर से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
कहते हैं कि भीमबेटका रॉक शेल्टर्स की चट्टानें 3,000 साल पुरानी हैं। यहां कुल 600 रॉक शेल्टर्स हैं, जिनमें से 275 रॉक शेल्टर्स चित्रों द्वारा सुसज्जित हैं। भीमबेटका क्षेत्र में प्रवेश करते ही आपको शिलाओं पर लिखी कई ऐसी जानकारियां मिलती हैं, जो बेहद ही रोचक हैं।
ऐसा माना जाता है कि यह जगह महाभारत के भीम से संबंधित है, इसीलिए इसका नाम भीमबैठका पड़ा, जिसे बाद में भीमबेटका कहा जाने लगा। यहां की दीवारों पर बने हजारों साल पुराने शैलचित्रों के आधार पर इस जगह को मानव विकास का आरंभिक स्थान भी माना जा सकता है।
भीमबेटका की गुफाएं चारों तरफ से विंध्य पर्वतमालाओं से घिरी हुईं हैं। यहां करीब 500 गुफाएं हैं और इन गुफाओं की सबसे प्राचीन चित्रकारी को 12 हजार साल पुराना माना जाता है। इस जगह की खोज साल 1957-1958 में डॉक्टर विष्णु श्रीधर वाकणकर द्वारा की गई थी।
भीमबेटका पहुंचना बहुत ही आसान है। दिल्ली से इसकी दूरी करीब 795 किलोमीटर, मुंबई से 818 किलोमीटर और भोपाल से 46 किलोमीटर है। यहां पहुंचने के लिए आपको पहले हवाई जहाज या ट्रेन से भोपाल जाना होगा और उसके बाद वहां से बस या टैक्सी के जरिये भीमबेटका पहुंचा जा सकता है। आपको एक बार तो यहां जरूर जाना चाहिए।
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