महाभारत काल में युद्ध के समय भी लगा था सूर्यग्रहण, भगवन श्रीकृष्ण ने सूर्यग्रहण पर किया था यह काम

साल 2020 का कल लगने वाला सूर्यग्रहण कई मामलों में बहुत महत्वपूर्ण है. जिसमें जहाँ एक तरफ इस साल का यह पहला सूर्यग्रहण होगा जो भारत में दिखाई पडेगा. वहीँ दूसरी तरफ इस सूर्यग्रहण के समय ग्रहों का योग कुछ इस प्रकार बन रहा है जिससे की सभी ज्योतिषाचार्यों के बीच यह सूर्यग्रहण कौतूहल का विषय बना हुआ है.

वहीँ इस सूर्यग्रहण के बारे में जो सबसे खास बात है वह यह है कि भारत में इस सूर्यग्रहण का केंद्र हरियाणा प्रदेश के कुरुक्षेत्र में होगा. कुरुक्षेत्र में सूर्यग्रहण का यह समय सुबह 10 बजकर 21 मिनट और 03 सेकण्ड से आरम्भ होकर दोपहर 01 बजकर 47 मिनट और 26 सेकण्ड तक रहेगा. सूर्यग्रहण का केंद्र हरियाणा के कुरुक्षेत्र में होने के कारण यह एक पौराणिक मान्यत्ता से भी मेल खाता है.

पौराणिक मान्यतायें  

पौराणिक मान्यता यह है कि हरियाणा के कुरुक्षेत्र में ही सन्निहित नाम का एक सरोवर है. इस सरोवर की लम्बाई लगभग 1800 फीट और चौड़ाई लगभग 1400 फीट है. कहा जाता है कि इस कुंड में स्नान करने से उतना ही पुण्य प्राप्त होता है कि जितना पुण्य अश्वमेध यज्ञ करने से प्राप्त होता है. ऐसी मान्यता है कि सूर्यग्रहण के अवसर पर ब्रह्म सरोवर और सन्निहित सरोवर में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. ऐसी भी मान्यता है कि इसी कारण सूर्यग्रहण के समय सभी देवता कुरुक्षेत्र में ही मौजूद रहते हैं. इसीलिए इस मान्यता के अनुसार सूर्यग्रहण के अवसर पर यहाँ लाखों श्रद्धालु स्नान करने के लिए आते हैं. परन्तु कोरोना संक्रमण के चलते इस बार इस स्नान पर रोक लगा दिया गया है.

श्रीकृष्ण ने भी सूर्यग्रहण पर यहाँ किया था स्नान

यह भी कहा जाता है कि द्वापर युग में श्रीकृष्ण सूर्यग्रहण के समय कुरुक्षेत्र के सन्निहित सरोवर में स्नान करने आये थे. इस दौरान श्रीकृष्ण के साथ अक्रूर, वासुदेव, उग्रसेन, गद, प्रदुम्न, सामव आदि यदुवंशी और उनकी स्त्रियाँ भी स्नान करने के लिए यहाँ आई थीं. इसी समय ब्रज की गोपियाँ भी स्नान करने के लिए कुरुक्षेत्र आई हुईं थी और इसी स्नान के दौरान ही उनकी श्रीकृष्ण से भेंट हुई थी. तब भगवान श्रीकृष्ण उन्हें अपने रथ में बैठाकर तथा रथ को खुद ही चलाकर मथुरा ले गए थे. उसी समय भारत के विभिन्न प्रदेशों जैसे- अंग, मगध, वत्स, पंचाल, काशी और कौशल के कई राजा-महाराजा भी स्नान करने के लिए कुरुक्षेत्र आये थे.

सन्निहित सरोवर का निर्माण

यह भी कहा जाता है कि सूर्यग्रहण के अवसर पर ही सन्निहित सरोवर का निर्माण कराया गया. तत्पश्चात यहाँ पर एक सूर्यनारायण मंदिर का निर्माण भी कराया गया जिससे श्रद्धालु स्नान करने बाद सूर्य देव का दर्शन कर सकें.

21 जून को होने वाले सूर्य ग्रहण का समय

  • सूर्यग्रहण प्रारम्भ काल: 21 जून को 10:20 बजे
  • परमग्रास: 21 जून को 12:02 बजे
  • सूर्यग्रहण समाप्ति काल: 21 जून को 13:49 बजे
  • खण्डग्रास की अवधि: 03 घण्टे 28 मिनट 36 सेकेंड

सूतक काल का समय

  • सूतक काल का प्रारम्भ: 20 जून को 21:52 बजे
  • सूतक समाप्त: 21 जून को 13:49 बजे

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