देहरादून: सरकारी महकमों में भ्रष्टाचार और वित्तीय गड़बड़ी से संबंधित ऑडिट रिपोर्ट दबाए जाने के मामले में शासन ने सख्त रुख अपनाया है। वित्त सचिव अमित नेगी ने लेखा परीक्षा निदेशालय से जुड़े अधिकारियों को तलब कर उनकी जमकर क्लास ली। निदेशालय को 2000 से ज्यादा ऑडिट रिपोर्ट 15 फरवरी तक जारी करने की मोहलत दी।
‘दैनिक जागरण’ ने लेखा परीक्षा निदेशालय के स्तर पर ऑडिट रिपोर्ट को जारी करने में बरती जा रही हीलाहवाली का खुलासा किया था। ऑडिट रिपोर्ट के साथ किए जा रहे इस खिलवाड़ से राज्य सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर सवालिया निशान लग रहे हैं।
दरअसल, सरकारी महकमों में वित्तीय अनियमितता की ऑडिट रिपोर्ट पर महकमे के अधिकारियों के कुंडली मारकर बैठने से सरकारी खजाने को भी चूना लग रहा है।
नगरपालिका परिषद नैनीताल की 31 मार्च, 2015 को सौंपी गई जिस ऑडिट रिपोर्ट में करीब 20 लाख के गबन और वित्तीय अनियमितता का खुलासा किया गया। वहीं अल्मोड़ा, बागेश्वर व रानीखेत के लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन अधिशासी अभियंताओं के साथ ही जिला पूर्ति अधिकारी नैनीताल व ऊधमसिंहनगर समेत 11 ऑडिट रिपोर्ट पर कार्रवाई होती तो इनमें से कई अधिकारियों पर सेवानिवृत्ति से पहले ही शिकंजा कसा जा सकता था। शासन ने दैनिक जागरण की खबर का संज्ञान लिया।
वित्त सचिव अमित नेगी ने सचिवालय में लेखा परीक्षा निदेशालय के अधिकारियों को तलब कर बैठक की। उन्होंने निदेशालय में ऑडिट रिपोर्ट वर्षों से लंबित रखने के लिए अधिकारियों को फटकार लगाई। उन्होंने वर्ष 2015-16 तक की सभी ऑडिट रिपोर्ट 15 जनवरी और वर्ष 2016-17 की ऑडिट रिपोर्ट 15 फरवरी तक हर हाल में निर्गत करने के निर्देश दिए।
वित्त सचिव ने निदेशालय के कामकाज के ब्योरे की जानकारी भी ली। निदेशालय में कार्य आवंटन का पूरा ब्योरा तलब किया गया है। भविष्य में हीलाहवाली नहीं बरतने की ताकीद की। बैठक में शासन के अधिकारी भी मौजूद थे।
वित्त सचिव अमित नेगी ने बताया कि ऑडिट रिपोर्ट को लेकर पारदर्शिता के साथ काम करने की हिदायत दी गई है। उन्होंने कहा कि जल्द ही ऑडिट रिपोर्ट ऑनलाइन जारी की जाएंगी। इन्हें वेबसाइट पर लोड किया जाएगा। अगले वित्तीय वर्ष से ऑडिट रिपोर्ट ऑनलाइन जारी किए जाने की व्यवस्था को अमलीजामा पहनाया जाएगा।