महंगाई: ...तो क्या इस वजह से भी बढ़ रहे सब्जि‍यों के दाम?

महंगाई: …तो क्या इस वजह से भी बढ़ रहे सब्जि‍यों के दाम?

टमाटर की बढ़ती कीमतों पर ब्रेक लगता नजर नहीं आ रहा है. दिल्ली की रिटेल मंडियों में एक किलो टमाटर की कीमत 80 से 100 रुपये प्रति किलो पहुंच गई है. यही नहीं, अन्य सब्ज‍ियों के दाम भी आसमान छूने लगे हैं. इससे आम आदमी की जेब पर दबाव बढ़ता जा रहा है.महंगाई: ...तो क्या इस वजह से भी बढ़ रहे सब्जि‍यों के दाम?

लगातार बढ़ रहे दाम

दिल्ली की रिटेल मंडियों में सामान्य टमाटर 80 रुपये प्रति किलो मिल रहा है, तो देसी टमाटर के लिए 100 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं. सब्जियों के दाम बढ़ने लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. दिल्ली ही नहीं, देहरादून, नोएडा समेत अन्य जगहों पर भी सब्जियों के दाम में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है.

बेमौशम बारिश जिम्मेदार

मंडी में सब्जी बेचने वालों को कहना है कि पहले टमाटर के जितने ट्रक भरकर आते थे, उनकी संख्या काफी कम हो गई है. इसके लिए कुछ इलाकों में बेमौशम हुई बारिश को जिम्मेदार माना जा रहा है. इन इलाकों में बारिश ने टमाटर की फसल खराब की है. इस वजह से आपूर्ति में खलल पड़ा है, लेकिन ये सिर्फ एक वजह नहीं है कीमतें बढ़ने की.  

बेमौसम बारिश या सरकार की लापरवाही? 

ये जरूर है कि बेमौसम बारिश ने टमाटर की कीमतों को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है, लेकिन सरकार की लापरवाही भी इसके लिए जिम्मेदार है. दरअसल दक्षिण-पश्चिम मानसून की चाल को देखकर कृषि जानकार पहले ही चेतावनी जारी कर चुके थे कि चालू सीजन में प्याज-टमाटर की खरीफ पैदावार कम रहने की उम्मीद है, लेकिन इसके बावजूद सरकार ने कोल्ड स्टोरेज खाली कर दिए.

कम पैदावार की चेतावनी को नहीं दी तरजीह

इस चेतावनी के बाद यह जरूरी था कि देश को कोल्ड स्टोरेज में रखी फसल को एक्सपोर्ट करने से ज्यादा तरजीह संभाल कर रखने पर दी जाती जिससे मौजूदा समय में बढ़ती कीमतों को लगाम लगाने के लिए स्टॉक का इस्तेमाल किया जा सकता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

अगस्त से मिल रहा आश्वासन

उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा है कि जल्द बढ़ती कीमतें नियंत्रित हो जाएंगी. उन्होंने बताया कि जैसे ही टमाटर की आपूर्ति बढ़ेगी, कीमतों में कमी आनी शुरू हो जाएगी. हालांकि अगस्त महीने में भी सरकार ने कुछ इसी तरह का आश्वासन दिया था. अगस्त महीने में भी सरकार ने कहा था कि कीमतें नियंत्रण में आ जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. 

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