कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के बाद भड़की हिंसा मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने CBI, निर्वाचन आयोग और केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की याचिका पर यह कदम उठाया है. अब शीर्ष अदालत इस मामले की अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को करेगी. सर्वोच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार की उस याचिका को स्वीकार किया है, जिसमें चुनाव के बाद हिंसा के मामलों की CBI जांच का निर्देश देने वाले कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई है.

न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस ने कहा कि राज्य ने जनहित याचिका याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी करने का मामला बनता है. इसके आधार पर उच्च न्यायालय ने CBI जांच का आदेश दिया था. वकील कपिल सिब्बल ने CBI की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी. इस पर अदालत ने कहा कि हम दूसरे पक्ष को सुने बगैर कोई आदेश नहीं जारी करेगा. ममता बनर्जी की सरकार को बड़ा झटका देते हुए हाई कोर्ट की पांच जजों की पीठ ने CBI जांच का आदेश दिया था. इसके साथ ही कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए SIT के गठन का भी आदेश दिया था.
बंगाल की ममता सरकार की तरफ से हिंसा की घटनाओं की CBI जांच का विरोध किया गया था. उच्च न्यायालय ने बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा के दौरान हुए हत्या, रेप के मामलों की CBI जांच का आदेश दिया था. इसके साथ ही अन्य अपराधों की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित की है. CBI और SIT की जांच हाई कोर्ट की निगरानी में हो रही है. कोर्ट ने CBI को 6 हफ़्तों के अंदर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है.
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