प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में वैसे लोगों से बात की जो कोरोना वायरस के संक्रमण में आए और इलाज करवा कर ठीक हुए. प्रधानमंत्री ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर राम और आगरा के अशोक कपूर से बात की. राम ने कहा कि लॉकडाउन जेल जैसा नहीं है और लोग नियमों का पालन कर ठीक हो सकते हैं. जबकि अशोक कपूर ने कहा कि वे आगरा के स्वास्थ्यकर्मियों और स्टाफ को धन्यवाद देना चाहते हैं, जिनकी वजह से वे ठीक हुए. उन्होंने कहा कि दिल्ली के अस्पताल के कर्मचारियों और स्टाफ ने उनकी मदद की.

मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कोरोना के मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों से बात की. इन डॉक्टरों ने बताया कि वे पूरे जज्बे के साथ कोरोना के मरीजों का इलाज कर रहे हैं. प्रधानमंत्री ने आचार्य चरक की पंक्तियों की चर्चा करते हुए कहा कि जो बिना किसी भौतिक कामना के मरीजों की सेवा करता है, वही सच्चा और सबसे बढ़िया डॉक्टर है. प्रधानमंत्री ने कहा कि वे सभी नर्सों को सलाम करते हैं जो अतुलनीय निष्ठा के साथ मरीजों की सेवा कर रहे हैं.
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बता दें, इटली से लौटे दिल्ली में एक शख्स ने अपने घर में बर्थ-डे पार्टी दी. पार्टी में करीब 25 लोग शामिल हुए. पार्टी खत्म होने के बाद सब अपने घर लौट गए. मगर घर लौट कर उन्हें पता चला कि जिस शख्स के घर में वो बर्थ डे पार्टी मनाने गए थे, वो कोरोना का मरीज़ है. देखते ही देखते हड़कंप मच गया. 40 से ज्यादा बच्चों की जांच हो गई. दो स्कूल बंद कर दिए गए और साथ ही बाकी के उन तमाम लोगों को ढूंढा जाने लगा जो पार्टी में शामिल हुए थे. बहुत से लोग आगरा लौट चुके थे. उनकी भी जांच हुई. उनमें से भी छह पॉजिटिव पाए गए.
भारत में सबसे बड़ा मामला आगरा में सामने आया जहां एक ही परिवार के दो भाईयों से घर के चार और सदस्यों को कोरोना वायरस हो गया. और इन सभी छह लोगों में कोरोना वायरस पॉज़िटिव पाया गया है. साथ परिवार के 7 और सदस्यों पर इस वायरस से इंफेक्टेड होने का शक जताया गया. सभी संदिग्धों को आइसोलेशन केयर में रखा गया. जबकि जिन लोगों के टेस्ट पॉज़िटिव आए, उन्हें दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल भेज दिया गया.
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