ओटीटी पर स्ट्रीम हो रही वेब सीरीज ‘तांडव’ पर बवाल शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है, जहां विवादित दृश्यों को हटाए जाने की मांग की गई है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सीरीज के निर्माता, निर्देशक व अभिनेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। इन पर धार्मिक भावनाएं आहत करने, वेब सीरीज को एंटी-दलित के रूप में पेश करने, यूपी पुलिस की छवि को धूमिल करने व देश के प्रधानमंत्री को गलत तरीके से प्रदर्शित करने जैसे आरोप लगे हैं।
इधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मेकर्स को चेतावनी के बाद लखनऊ पुलिस की टीम मुंबई पहुंच गई है। मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा कि मनोरंजन के नाम पर हिंदू धर्म का अपमान कर भावनाओं को आहत करने वालों के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। तांडव के मेकर्स और अमेजन इंडिया के कंटेंट हेड को धार्मिक भावनाएं आहत करने की कीमत चुकानी होगी।
मामले में नाराज अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने बयान देते हुए कहा कि वेस सीरीज के जरिए हिंदू देवी-देवताओं को जानबूझकर अपमानित किया गया है। उन्होंने कहा कि इस वेब सीरीज के मुस्लिम डॉयरेक्टर व एक्टर सभी लोग लिखित रूप से माफी मांगे कि वह दोबारा हिन्दू देवी-देवताओं को अपमानित करने की गलती नहीं करेंगे। वह सभी कलाकारों को लिखित में मांफी मांगे तभी जाकर साधु-संतों का रुख कुछ नरम हो सकता है। बता दें कि सोमवार को निर्देशक अली अब्बास जफर ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के जरिए मांफी मांगी थी।
मंगलवार को गौतम बुद्ध नगर के रबुपुरा थाने में मेकर्स और कलाकारों के ख़िलाफ़ पुलिस रिपोर्ट दर्ज़ हुई है। शिकायतकर्ताओं ने साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने, धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने और कथित तौर पर उत्तर प्रदेश पुलिस की छवि बिगाड़ने के आरोप लगाये हैं। इससे पूर्व लखनऊ के थाना हजरतगंज में एक पुलिस इंस्पेक्टर की तरफ से अमेजन प्राइम की इंडिया हेड अपर्णा पुरोहित, वेब सीरीज तांडव के डायरेक्टर अली अब्बास, प्रोड्यूसर हिमांशू कृष्ण मेहर और राइटर गौरव सोलंकी के खिलाफ धारा एफआईआर दर्ज करवाई गई, जिसमें विशेष समुदाय के खिलाफ भावनाएं भड़काने व देश के प्रधानमंत्री के अशोभनीय चित्रण की बात कही गई है।