प्रदेश में अभी तक सामान्य से 7% ज्यादा बारिश हो चुकी है। मंगलवार शाम को तेज या भारी बारिश का दौर थमा रहेगा, लेकिन 31 जुलाई से प्रदेश में फिर स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव होगा।
मध्य प्रदेश में आज भी बारिश का दौर जारी रहेगा। हालांकि आज तेज बारिश होने की संभावना कम है। राजधानी भोपाल में सोमवार को सुबह से हल्की बारिश हुई और धुंध छाया रहा। इधर नर्मदा और दूसरी नदियां उफान पर हैं। उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर मंदिर डूब गए हैं। शाजापुर में बाढ़ आ गई है, जिससे घर और दुकानों में पानी भर गया है। सोमवार को जबलपुर समेत आठ जिलों में तेज बारिश का अलर्ट है। रविवार को कोलार, बरगी, सतपुड़ा डैम के गेट खोलकर पानी छोड़ना पड़ा है।
31 जुलाई से प्रदेश में फिर स्ट्रॉन्ग सिस्टम
मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश ने बताया कि प्रदेश में अभी तक सामान्य से 7% ज्यादा बारिश हो चुकी है। मंगलवार शाम को तेज या भारी बारिश का दौर थमा रहेगा, लेकिन 31 जुलाई से प्रदेश में फिर स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव होगा। इससे पूरा प्रदेश तरबतर होगा। उन्होंने बताया लो प्रेशर सिस्टम की एक्टिविटी और मानसून ट्रफ प्रदेश से गुजरने से तेज बारिश का दौर बना हुआ है। मानसून ट्रफ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से फिर से तेज बारिश शुरू होगी। 31 जुलाई या 1 अगस्त से स्ट्रॉन्ग सिस्टम बनेगा।
इन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
भोपाल मौसम विभाग में सोमवार को कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। रतलाम, बड़वानी में भारी बारिश के साथ-साथ झाबुआ, अलीराजपुर, उज्जैन, खरगोन में मध्यम बारिश के साथ-साथ नीमच, मंदसौर, आगर, धार, खंडवा, हरदा, बालाघाट, सागर, विदिशा, रायसेन में सुबह के समय बिजली के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है।
मुख्यमंत्री ने देर रात ली बैठक
इधर प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ़. मोहन यादव देर रात नई दिल्ली से लौटकर सीधे स्टेट हैंगर से बाढ़ कंट्रोल रूम पहुंचे। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अतिवर्षा और बाढ़ की स्थिति की जानकारी ली। साथ ही निर्देश दिए कि जहां-जहां अति वर्षा और बाढ़ के हालात हैं, वहां प्रशासन से तालमेल करें। वरिष्ठ अधिकारी सभी स्थितियों पर निरंतर नजर रखें। सीएम ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसे स्थान जहां भी पुल के ऊपर पानी बह रहा हो, वहां नागरिकों को नहीं जाना चाहिए। इस संबंध में सभी सजग रहें। जनहानि न हो, यह ध्यान रखा जाए। कंट्रोल रूम में भी वरिष्ठ अधिकारी समय-समय पर उपस्थित रहें और जिलों में प्रशासनिक अधिकारी सभी प्रबंध सुनिश्चित करते रहें।