लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ‘अब मथुरा की बारी है’ बयान देकर राज्य का सियासी तापमान बढ़ा दिया है. केशव ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम का भव्य मंदिर निर्माण जारी है और अब मथुरा की बारी है. केशव के इस बयान पर समाजवादी पार्टी (सपा) मुखिया और पूर्व सीएम अखिलेश यादव सहित विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. अब केशव प्रसाद मौर्य ने भी अखिलेश पर तीखा पलटवार किया है.
मौर्या ने कहा है कि, ‘विपक्षी दलों के लोग तुष्टीकरण की सियासत करते हैं और बाद में वहां नतमस्तक होते हैं. अयोध्या में रामलला की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बन रहा है. काशी में बाबा विश्वनाथ का भव्य कॉरिडोर बन रहा है.’ विपक्ष पर हमला बोलते हुए केशव प्रसाद ने कहा कि, ‘मथुरा में भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बने, यह हर कृष्ण भक्त की इच्छा है. हमने ट्वीट के जरिए अपना भाव को प्रकट किया है. मैं विपक्षी नेताओं से पूछना चाहता हूं कि वे मथुरा में श्री कृष्ण के भव्य मंदिर बनने का विरोध करते हैं या उसके समर्थन में हैं. चुनाव का मुद्दा ना तो भगवान श्रीराम का मंदिर है, ना ही श्री कृष्ण जी का मंदिर.’ केशव प्रसाद ने अखिलेश यादव से सवाल करते हुए कहा कि, ‘अखिलेश कहते हैं कि मैं कृष्ण भक्त हूं, राम भक्त हूं, तो वे जवाब दें कि कृष्ण जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण चाहते हैं या नहीं चाहते.’
‘मथुरा की बारी’ बयान को लेकर पूछे गए सवाल पर मीडियाकर्मियों से डिप्टी सीएम ने कहा कि, ‘देखिए विपक्ष में कुछ ऐसे सियासी दल हैं, जो तुष्टीकरण की राजनीति करते हैं और बाद में नतमस्तक हो जाते हैं. मैं साफ़ तौर पर कहना चाहता हूं कि श्रीराम लला की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बन रहा है और काशी में भी बाबा विश्वनाथ के मंदिर का भव्य कॉरिडोर बन रहा है. मथुरा में भी श्रीकृष्ण की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बने, ये हर कृष्णभक्त की इच्छा और आकांक्षा है. मैंने भी उस भाव को व्यक्त किया है.’ केशव प्रसाद के इस सवाल से अखिलेश यादव के सामने धर्मसंकट खड़ा हो गया है, क्योंकि अगर वे मंदिर का समर्थन करते हैं तो उनका मुस्लिम वोट बैंक नाराज़ हो जाएगा और यदि विरोध करते हैं तो आज तक वे अपने आप को श्रीकृष्ण के जिस यदुवंश का बताते आए हैं, वो यादव लोग भी अखिलेश से खफा हो सकते हैं.